केंद्र सरकार ने बदले नियम! सड़क दुर्घटना में मदद करने वाले को नहीं देनी होगी पर्सनल डिटेल
नई दिल्‍ली. केंद्र सरकार ने सड़क दुर्घटना में विक्टिम्‍स की मदद करने वालों को कानूनी झंझटों से छुटकारा दिलाने के लिए नए नियम जारी कर दिए हैं. सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, अस्‍पताल या पुलिस अधिकारी (Police Officers) दुर्घटना के बाद मौके पर मदद करने वाले लोगों (Good Samaritan) को नाम, पता, पहचान, फोन नंबर या दूसरी पर्सनल डिटेल्‍स (Personal Details) देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकेगा. आसान भाषा में समझें तो अब आप सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों की बिना झिझके और बिना डरे मदद कर सकते हैं.

मददगार चाहे तो अधिकारियों से साझा कर सकता है अपनी डिटेल्‍स
नए नियमों के मुताबिक, लोगों की मदद करने वाले अच्‍छे नागरिकों के साथ धर्म, जाति और राष्‍ट्रीयता से ऊपर उठकर सम्‍मानजनक व्‍यवहार किया जाएगा.
साथ ही साफ कर दिया गया है कि अगर मदद करने वाला व्‍यक्ति खुद चाहे तो अपनी पर्सनल डिटेल्‍स अधिकारियों को उपलब्‍ध करा सकता है. इसके अलावा सभी सरकारी और निजी अस्‍पतालों को एंट्रेंस, अपनी वेबसाइट व खास जगहों पर हिंदी, अंग्रेजी और स्‍थानीय भाषा में एक चार्टर लगाना होगा. इसमें दुर्घटना में मदद करने वाले अच्‍छे नागरिकों के अधिकारों (Rights of Good Samaritan) का ब्‍योरा दिया जाए.
गवाह बनने के इच्‍छुक व्‍यक्ति से नए कानून के तहत होगी पूछताछ
केंद्र सरकार की ओर से जारी नए नियमों में कहा गया है कि अगर कोई व्‍यक्ति दुर्घटना के मामले में अपनी मर्जी से चश्‍मदीद गवाह बनने के लिए तैयार हो तो उससे नए कानून के प्रावधानों के तहत ही पूछताछ की जाए. इसके लिए मोटर व्‍हीकल (एमेंडमेंट) एक्‍ट, 2019 में धारा-134A को जोड़ा गया है. इसके तहत मदद करने वाले व्‍यक्ति को सुरक्षा दी गई है. इसमें साफ है कि मदद करने वाला व्‍यक्ति दुर्घटना के शिकार व्‍यक्ति (Victim) को पहुंचने वाली किसी चोट या उसकी मौत के लिए जिम्‍मेदार नहीं माना जाएगा. उसके खिलाफ किसी तरह का सिविल या क्रिमिनल केस दर्ज नहीं किया जा सकता है.

मंत्रालय ने किया साफ, कौन कहलाएगा ‘Good Samaritan’
मंत्रालय ने ‘Good Samaritan’ की परिभाषा भी स्‍पष्‍ट कर दी है. इसके मुताबिक, अच्‍छी मंशा के साथ, अपनी इच्‍छा से और इनाम (Reward) या मुआवजे (Compensation) की उम्‍मीद के बिना दुर्घटना के शिकार व्‍यक्ति की इमरजेंसी मेडिकल या नॉन-मेडिकल केयर या मौके से विक्टिम को अस्‍पताल ले जाने में मदद करने वाला व्‍यक्ति ‘Good Samaritan’ है. बता दें कि देश में हर साल सड़क दुर्घटनाओं में करीब 1.5 लोगों की मौत हो जाती है. ये संख्‍या दुनिया के किसी भी दूसरे देश के मुकाबले काफी ज्‍यादा है. नए नियमों के लागू होने से सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को तत्‍काल मदद मिलना संभव होगा और मृत्‍युदर पर कुछ हद तक अंकुश लग सकता है.

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