नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती पर देशवासियों को तोहफे के रूप में हिमाचल प्रदेश और लद्दाख व जम्मू कश्मीर को आपस में जोड़ने वाली रोहतांग टनल का नाम ‘अटल टनल’ किए जाने की घोषणा की।
बुधवार को यहां विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इस आशय की घोषणा करते हुए कहा कि यह हिमाचल प्रदेश और अटल जी के प्रिय गांव प्रीणी के लोगों के लिए सरकार की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती पर एक छोटा सा उपहार है।
उन्होंने कहा कि अटल जी ने अपने प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल के दौरान इसस टनल के महत्व को समझते हुए इसका निर्माण किए जाने का फैसला किया था।
मोदी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को लद्दाख और जम्मू कश्मीर से जोड़ने वाली और मनाली को लेह से जोड़ने वाली रोहतांग टनल, अब ‘अटल टनल’ के नाम से जानी जाएगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और जम्मू कश्मीर को जोड़ने वाली ‘अटल टनल’ सरकार की ओर से यहां के लोगों के लिए एक उपहार है। यह पर्यटन की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है और लेह, लद्दाख का भाग्य बदल देगी।
मोदी ने कहा कि सामरिक और रणनीतिक दृष्टि से भी ‘अटल टनल’ काफी महत्वपूर्ण है। कारगिल युद्ध के बाद सुरक्षा और रणनीति की दृष्टि से यह जरुरी हो गया था कि नई व्यवस्था की जाए।
इससे पूर्व, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि रोहतांग टनल जो अब ‘अटल टनल’ के नाम से जानी जाएगी, इसका काम पूरा हो चुका है और अगस्त से इसके जरिए आवागमन शुरु हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इस टनल का निर्माण बार्डर रोड आर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने किया है और इसकी सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि टनल के निर्माण के लिए जितनी लागत तय हुई था, बीआरओ ने एक करोड़ कम व्यय में ही इसका निर्माण किया है।