नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की 8,350 से अधिक ग्राम पंचायतों के भू-जल स्तर को सुधारने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर ‘अटल भूजल योजना’ की बुधवार को शुरुआत की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि न्यू इंडिया को हमें जल संकट की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है।इसके साथ ही उन्होंने स्टार्ट अप की दुनिया से जुड़े लोगों से अपील की कि वे आगे आएं और यह सुनिश्चित करने की व्यवस्था करे कि कम पानी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कैसे किया जाएं। उन्होंने जल जीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइन का भी अनावरण किया।

यहां विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि ‘अटल भूजल योजना’ से देश के सात राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा,गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के जलस्तर को उपर उठाने में मदद मिलेगी। इन सात राज्यों के 78 जिलों में 8,350 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में भू-जल की स्थिति में सुधार किया जाएगा ।

मोदी ने कहा कि पंचायतों में भूजल की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। इससे वहां के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जल स्तर में सुधार के लिए बड़े स्तर पर जारूकता अभियान चलाना होगा ताकि लोगों को हो रही परेशानियों से मुक्ति दिलाई जा सके। उन्होंने कहा कि इस योजना से पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना पूरा हुआ। पानी का विषय उनके के दिल के काफी करीब था। पानी का संकट सबके लिए चिंता का विषय है।

मोदी ने कहा कि ‘अटल जल योजना’ हो या फिर जल जीवन मिशन से जुड़ी गाइडलाइंस, ये 2024 तक देश के हर घर तक जल पहुंचाने के संकल्प को सिद्ध करने में एक बड़ा कदम हैं। पानी का संकट एक परिवार के रूप में, एक नागरिक के रूप में हमारे लिए चिंताजनक तो है ही, एक देश के रूप में भी ये विकास को प्रभावित करता है।

उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन हर घर तक पाइप से जल पहुंचाने का काम करेगा और दूसरी तरफ अटल जल योजना के जरिए उन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा जहां भू-जल का स्तर काफी नीचे चला गया है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि अटल भू-जल योजना की सफलता का पूरा जिम्मा गांव और ग्राम पंचायतों पर रहेगा। इसका प्रबंधन ग्राम पंचायतों के द्वारा होगा। इसलिए ये भी प्रावधान किया गया है कि जो ग्राम पंचायतें पानी के लिए बेहतरीन काम करेंगी, उन्हें और ज्यादा राशि दी जाएगी, ताकि वो और अच्छा काम कर सकें। गांव की भागीदारी और साझेदारी की इस योजना में गांधी जी के ग्राम स्वराज की भी एक झलक है। उन्होंने कहा कि पानी से जुड़ी योजनाएं हर गांव के स्तर पर वहां की स्थिति-परिस्थिति के अनुसार बनें, ये जल जीवन मिशन की गाइडलाइंस बनाते समय ध्यान रखा गया है।

इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत और जलशक्ति मंत्रालय में राज्यमंत्री रतन लाल कटारिया भी उपस्थित रहे।

Show comments
Share.
Exit mobile version