वैसे तो कई सरकारी बचत योजनाएं हैं, जिसमें आप निवेश कर सकते हैं. लेकिन अगर आपके घर में 10 साल से कम उम्र की बिटिया है तो फिर उसके नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खुलवा सकते हैं. सरकार इस स्कीम पर बेहतर रिटर्न दे रही है. ये स्कीम बेटियों के लिए ही शुरू की गई है.

इस योजना के तहत आप कम से कम 250 रुपये की राशि से खाता खुलवा सकते हैं. हालांकि, इस योजना के तहत आप सालाना ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये की राशि जमा कर सकते हैं.

सुकन्या समृद्धि योजना के तहत आवेदक अपनी बेटी के नाम पर किसी भी बैंक या पोस्ट ऑफिस में खाता खुलवा सकते हैं. इस योजना की मदद से आवेदक अपनी बेटियों का भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं. कई प्राइवेट बैंक में खाता खुलवाने की भी सुविधा है.

एक बच्ची के नाम पर सिर्फ एक खाता खोला जा सकता है. एक अभिभावक अधिक से अधिक 2 बेटियों के नाम से अकाउंट खुलवा सकता है. अगर जुड़वां या तीन बच्चियां एक साथ होती हैं, तो फिर तीसरी बच्ची को भी इसका फायदा मिलेगा.

कितनी अवधि है?
सुकन्या समृद्धि योजना में अभी 7.6% सालाना ब्याज मिल रहा है. बच्ची के 10 साल के होने से पहले तक ये खाता खोला जा सकता है. शुरुआती 14 साल के लिए खाते में रकम जमा करनी होती है. ये योजना 21 साल के बाद मैच्योर होती है.

क्या-क्या देने होंगे दस्तावेज?
सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खुलवाने के लिए आवेदक को फॉर्म के साथ पोस्ट ऑफिस या बैंक में अपनी बेटी का बर्थ सर्टिफिकेट भी जमा कराना होगा. इसके अलावा बच्ची और माता-पिता का पहचान पत्र (पैन कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट) और जहां रह रहे हों उसका प्रमाण पत्र (पासपोर्ट, राशन कार्ड, बिजली बिल, टेलीफोन बिल, पानी का बिल) जमा कराना होगा.

निवेश के फायदे
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने पर आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है. बाकी सभी योजनाओं की तुलना में इसमें ब्याज ज्‍यादा मिलता है. बच्ची की उच्च शिक्षा और शादी-ब्याह के लिए बचत कर सकते हैं. मैच्योरिटी पर जो रकम मिलती है, उस पर टैक्स नहीं लगता.

सुकन्या समृद्धि योजना के तहत जमा किया जाने वाला पैसा बच्ची के 21 साल के होने पर मेच्योर हो जाती है. यानी आप 21 साल बाद पैसे की निकासी कर सकते हैं. हालांकि, 18 साल की उम्र के बाद अगर बेटी की शादी होती है तो पैसा निकाल सकते हैं. इसके अलावा 18 वर्ष की उम्र के बाद बेटी की पढ़ाई के लिए 50 फीसदी तक पैसा निकाल सकते हैं.

साल 2015 में केंद्र की मोदी सरकार ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान के तहत बच्चियों के बेहतर भविष्य को प्रोत्साहित करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना (एसएसवाई) की शुरुआत की थी. सुकन्या समृद्धि योजना किसी भी दूसरे बैंक जमा की तरह निश्चित आय योजना है, जिसमें हर साल पैसे जमा कर सरकार द्वारा घोषित ब्याज हासिल किया जा सकता है.

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