नई दिल्ली। भारत ने गुरुवार को कहा कि दुनिया अब पाकिस्तान के दोहरे मानदंडों को समझ गई है कि एक तरफ वह खुद को आतंकवाद का शिकार बताता है और दूसरे तरफ अन्य देशों में आतंक फैलाता है। अब पाकिस्तान में इसके चलते एक हताशा पैदा हो रही है और वह अपना आक्रोश प्रदर्शित कर रहा है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को एक प्रेसवार्ता में कहा कि दावोस में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की टिप्पणियों में कुछ भी नया नहीं था। उनकी ओर से आये बयान विरोधाभासी एवं तथ्यात्मक तौर पर गलत हैं।

रवीश ने कहा कि पाकिस्तान अगर वास्तव में शांति और सामान्य संबंध चाहता है तो उसे गंभीरता के साथ इसके लिए अनुकुल माहौल बनाना चाहिए। पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भटकाने का प्रसास कर रहा है और भ्रामक और भय पैदा करने वाले बयान दे रहा है। पाकिस्तान को इससे बाज आना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपने यहां की चुनौतियों का सामना करना चाहिए और किसी अन्य देश को उनके यहां के मामलों पर सलाह देने से बचना चाहिए।

इसके अलावा आतंक को फंडिंग को लेकर पाकिस्तान पर एफएटीएफ के चल रहे मामले पर प्रवक्ता ने कहा कि भारत तकनीकी मामले में अभी कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता और अंतिम फैसले का इंतजार किया जा रहा है। हालांकि एफएटीएफ अक्टूबर में कह चुका है कि पाकिस्तान आतंकवाद की फंडिंग रोकने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठा रहा है। उन्हें लगता है कि एफएटीएफ पाकिस्तान पर कोई उचित फैसला लेगा।

वहीं गणतंत्र दिवस पर भारत के खिलाफ लंदन में होने वाले प्रदर्शनों को लेकर प्रवक्ता ने कहा कि इससे पहले भी एक घटनाक्रम में भारतीय उच्चायोग को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। इसको लेकर ब्रिटेन के साथ काफी जोरदार विरोध दर्ज कराया गया। ब्रिटेन सरकार को भारतीय उच्चायोग और वहां काम कर रहे कर्मचारियों की सुरक्षा के प्रति भारत की चिंताओं को अवगत कराया गया है। उनसे कहा गया है कि प्रशासन इस बात का ध्यान रखे की कोई अप्रिय घटना न हो।

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