निष्पक्ष जांच कर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई का निर्देश
रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पश्चिमी सिंहभूम जिले के बुरुगुलीकेरा में सात लोगों की नृशंस हत्याकांड मामले की जांच के लिए विशेष कार्य दल,एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया और निष्पक्ष जांच करा कर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया।
नई दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने झारखंड मंत्रालय में बुरूगुलीकेला घटना को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, इस बैठक में मुख्य सचिव, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव , पुलिस महानिदेशक तथा पुलिस विभाग के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने समीक्षा करते हुए यह स्पष्ट कहा कि यह सही है कि पुलिस हर जगह नहीं रह सकती है किंतु, पुलिस की कार्यशैली ऐसी होनी चाहिये कि जनता का भरोसा उस पर बना रहे तथा अपराध करने वाले और कानून तोड़ने वालों में पुलिस का दहशत भी बना रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून सबसे उपर है और घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हेमंत सोरेन ने कहा कि तय समय सीमा के अंदर घटना के सही कारणों को सामने लाएं। उन्होंने पीड़ित परिवार से संपर्क कर परिजनों को अविलंब हर सम्भव सहायता करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि घटना के वास्तविक कारणों के उद्भेदन करने और दोषियों को चिन्हित करने के लिए एसआईटी का गठन किया जाए। जांच रिपोर्ट के बाद उसके बाद पीड़ित परिवार को तत्काल मदद के अलावा की जाने वाली पूरी सहायता पर और दोषी अधिकारियों के विरुद्ध भी कार्रवाई का निर्णय सरकार लेगी। हेमन्त सोरेन ने यह स्पष्ट कहा कि भविष्य में पूरे राज्य में ऐसी घटना को रोकने के लिए पुलिस सूचना तंत्र को प्रभावी बनाया जाए। ऐसी घटना दोबारा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस के जिला से थाना तक सभी पूरी तरह चौकस रहें।
मुख्यमंत्री ने बेहद सख्त लहजे में कहा कि थाना की स्थिति आज अच्छी नहीं है और थाना प्रभारी अपने मुख्य लक्ष्य से भटक गए हैं। उन्होंने डीजीपी से कहा कि पुलिस तंत्र को यह स्पष्ट कर दें कि सरकार जनता के जानमाल की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगी। साथ ही, थाना स्तर पर व्याप्त कार्यशैली में सुधार लाने की दिशा में कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में रांची में हुई उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन कर मामले का उद्भेदन का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना में कौन लोग है, यह मामला पत्थलगड़ी से जुड़ा है या नक्सली घटना है अथवा आपसी रंजिश का परिणाम, जो भी है वह जांच का विषय है, लेकिन इतना सच है कि दो गुटों के बीच विवाद में सात लोगों की हत्या हुई है।
इधर,पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा ने कहा है कि यह घटना पत्थलगड़ी से संबंधित है या नहीं, यह जांच का विषय है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह महज इतेफाक है कि हत्या करने वाले सभी पत्थलगड़ी के समर्थक हैं, जबकि जिनकी हत्या हुई है, वे सभी पत्थलगड़ी के विरोधी है।