नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को सत्तापक्ष के आरोपों पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के सांसद मणिकम टैगोर ने सदन के बीचों बीच आकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन पर हमला नहीं किया। उल्टा सत्ता पक्ष के लोगों ने सांसद के साथ धक्का-मुक्की की।

राहुल गांधी ने संसद के बाहर पत्रकारों से कहा कि वायनाड में मेडिकल कॉलेज के संबंध में उन्होंने एक प्रश्न उठाया था। यह बात भाजपा को पसंद नहीं है। उन्हें संसद में बोलने नहीं दिया जाता है। टीवी फुटेज से स्पष्ट होता है कि मणिकम टैगोर ने किसी पर हमला नहीं किया, बल्कि उन पर हमला किया गया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी निशाना साधा। प्रधानमंत्री के ‘ट्यूबलाइट’ वाले कटाक्ष पर कहा कि वह प्रधानमंत्री की तरह व्यवहार नहीं करते हैं।

उधर इस पूरे मामले में सत्ता पक्ष का आरोप है कि राहुल गांधी के उकसावे के बाद कांग्रेस के सांसदों ने सोचा कि अपने नेता की ‘डंडा’ टिप्पणी का उदाहरण पेश करें। यह डॉ. हर्षवर्धन के साथ दुर्व्यवहार का एक प्रयास था। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि पूरा घटनाक्रम कांग्रेस के हताशा के स्तर को दिखाता है और यह गुंडागर्दी की ऊंचाई है। वहीं, भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल ने आरोप लगाया था कि टैगोर ने डॉ. हर्षवर्धन पर हमला किया था। उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र के लिए एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।

राहुल गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा में हुए हंगामे के बाद सफाई दी। यह हंगामा उस समय हुआ जब केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रधानमंत्री पर की गई एक टिप्पणी की आलोचना कर रहे थे। इस दौरान कथित तौर पर कांग्रेस नेता मणिकराव टैगोर, डॉ हर्षवर्धन के निकट पहुंच गए और पक्ष की ओर से इसे आक्रामक बताते हुए हंगामा करने लगे।

केन्द्रीय मंत्री डॉ हर्षवर्धन लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के ‘प्रधानमंत्री को देश के युवा डंडों से मारकर भगा देंगे’ वाले बयान की आलोचना कर रहे थे। उनका कहना था कि राहुल के परिवार से लोग देश के शीर्ष पद पर बैठे हैं लेकिन इस तरह की भाषा कहना उन्हें शोभा नहीं देता जिसकी निंदा की जानी चाहिए।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मेडिकल कॉलेज स्थापित करने से जुड़ा एक सवाल किया था। इस पर जवाब देते समय डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष के बयान पर टिप्पणी करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल के बयान की कड़े शब्दों में निंदा की जानी चाहिए। इस हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। बाद में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन में हंगामे के मुद्दे पर बैठक बुलाई ।

उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने एक चुनावी रैली में कहा था कि मोदी छह महीने बाद अपने घर से बाहर नहीं निकलेंगे क्योंकि युवा उन्हें लाठी से पीटेंगे और उन्हें समझाएंगे कि देश तब तक प्रगति नहीं कर सकता जब तक कि वह उन्हें रोजगार प्रदान नहीं करता।

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