नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय प्रतिनिधि सभा की बैठक इस वर्ष कर्नाटक के बेंगलुरू में होने जा रही है। चेन्नन हल्ली गुरूकुलम् में आयोजित होने वाली इस तीन दिवसीय बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह सुरेश (भैय्याजी) जोशी, केन्द्रीय कार्यकारिणी सदस्य, क्षेत्र प्रचारक, प्रांत प्रचारक, विभाग प्रचारक, निर्वाचित जिला प्रतिनिधि के साथ ही सहयोगी संगठनों के प्रमुख संगठन मंत्रियों सहित कुल मिलाकर 1400 प्रतिनिधि शामिल होंगे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा संघ की सर्वोच्च नीति निर्धारक समिति होती है, जिसकी साल में एक बार बैठक आयोजित की जाती है। इससे पहले संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक 8 मार्च 2019 को ग्वालियर में हुई थी। प्रतिनिधि सभा की बेंगलुरू में पांचवीं बैठक होगी, जबकि कर्नाटक में सातवीं बैठक होगी। इस बैठक में संघ के कामकाज की समीक्षा होगी और आगामी एक साल का कार्यक्रम तय होगा। बैठक में संगठन विस्तार और संघ के कार्य विस्तार पर भी चर्चा होगी। इस बैठक में भाजपा के संगठन मंत्री वी एल संतोष और सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश भी शिरकत करेंगे। बैठक के अंतिम दिन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी बैठक में हिस्सा लेंगे। तीन दिनों तक चलने वाली बैठक का संचालन सरकार्यवाह भैयाजी जोशी करेंगे, जबकि सरसंघचालक डाक्टर मोहन राव भागवत बैठक में पूरे समय उपस्थित रहेंगे।

लगभग 11 दिन तक चलेगा बैठकों का दौर
संघ की प्रतिनिधि सभा की मुख्य बैठक 15 से 17 मार्च तक होगी लेकिन बैठकों का दौर 10 मार्च से ही प्रारंभ हो जायेगा और 19 मार्च तक चलेगा। 10 और 11 मार्च को केन्द्रीय टोली की बैठक होगी जिसमें सरसंघचालक, सरकार्यवाह व सह सरकार्यवाह शामिल होंगे। 12 मार्च को कार्यकारी मंडल की बैठक होगी जिसमें अखिल भारतीय स्तर के 50 अधिकारी शामिल होंगे। साथ ही 13 मार्च को देशभर से आए प्रांत प्रचारक और प्रांत कार्यवाहों की बैठक होगी, जिसमें कुल 250 लोग उपस्थित रहेंगे।

कार्यकारी मंडल और सहयोगी संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक 14 मार्च को आयोजित की गई है। इस बैठक में करीब 125 पदाधिकारी हिस्सा लेंगे। इन छोटी बैठकों के बाद 15 से 17 मार्च के दौरान प्रतिनिधि सभा क़ी मुख्य बैठक होगी। इस बैठक में मौजूदा राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और संगठन से जुड़े विषयों, कार्यशैली तथा आने वाले एक साल में क्रियान्वित होने वाली योजनाओं पर विस्तार से चर्चा होगी, साथ ही प्रस्ताव भी पारित होंगे। प्रतिनिधि सभा की बैठक के बाद 18 मार्च को प्रांत प्रचारकों की फिर बैठक होगी। इसमें देशभर से आए सभी प्रांतों के अखिल भारतीय अधिकारी हिस्सा लेंगे। 19 मार्च को क्षेत्र प्रचारकों की विशेष बैठक होगी।

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