नई दिल्ली। सेनाध्यक्ष मनोज नरवणे ने गुरुवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाओं में कमी आई है तथा सेना ने आतंकवादी गुटों पर दबाव बनाए रखा है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय दबाव आतंकवादी घटनाओं में कमी का एक कारण है।

अतिवादियों और आतंकवादियों को धन मुहैया कराने पर निगरानी रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एफएटीएफ के कदमों का उल्लेख करते हुए सेनाध्यक्ष ने कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय निगरानी से सीमापार आतंकवाद पर अंकुश लगा है। एफएटीएफ यदि और सख्त रवैया अपनाए तो पाकिस्तान को अपनी हरकतों को पूरी तरह छोड़ना होगा।

उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान पर एफएटीएफ की काली सूची में आने की तलवार लटक रही है। हाल में पेरिस में आयोजित इस संस्था की बैठक में पाकिस्तान को निगरानी सूची (ग्रे लिस्ट) में बनाए रखने का फैसला किया गया था।

जनरल नरवणे ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा कि हमेशा साथ देने वाला चीन भी पाकिस्तान की सीमापार की गतिविधियों से वाकिफ हो गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 15 से 20 आतंकवादी शिविर हैं जहां 250 से 300 तक आतंकवादी पनाह लिए हुए हैं। इन आतंकवादियों की मौजूदगी और संभावित कार्रवाइयों के बारे में भारतीय सेना को लगातार सूचनाएं मिलती रहती हैं। इन्हीं के आधार पर पाकिस्तानी सेना के विशेष दस्तों के आतंकवादी मंसूबों को नाकाम बनाया गया है।

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