नई दिल्ली। शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ 58 दिन से चल रहे प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विरोध का अधिकार है लेकिन जगह ऐसी हो जहां दूसरों को परेशानी न हो। इस तरह अनिश्चित काल तक सार्वजनिक सड़क को ब्लॉक करना उचित नहीं। कोर्ट ने दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने 17 फरवरी तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी।
सुनवाई के दौरान शाहीन बाग के तीन महिलाओं ने भी खुद का पक्ष रखने की मांग की। इन महिलाओं की ओर से कहा गया कि उनके बच्चे को स्कूल में पाकिस्तानी कहा जाता है। तब चीफ जस्टिस एसए बोब्डे ने कहा कि किसी बच्चे को स्कूल में पाकिस्तानी कहा गया ये कोर्ट के समक्ष विषय नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्या चार महीने का बच्चा प्रदर्शन करने गया था। चीफ जस्टिस ने कहा कि हम इस समय नागरिकता संशोधन अधिनियम या किसी बच्चे को पाकिस्तानी कहा गया, इस बाबत सुनवाई नहीं कर रहे हैं।

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