– छह अक्टूबर से लखनऊ-नई दिल्ली के बीच नियमित चलेगी तेजस ट्रेन

लखनऊ। लखनऊ जंक्शन से नई दिल्ली के बीच चलने वाली तेजस एक्सप्रेस को शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हरी झंडी दिखाकर रवाना ​कर दिया लेकिन नियमित रूप से यह हाईटेक ट्रेन छह अक्टूबर से चलेगी। फिलहाल पहले ही दिन तेजस एक्सप्रेस करीब 25 मिनट की देरी से चली। इस ट्रेन का संचालन भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) द्वारा किया जा रहा है।

उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि तेजस एक्सप्रेस शारदीय नवरात्रि में शुरू हो रही है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बधाई देता हूं। मैं आईआरसीटीसी की पूरी टीम को भी बधाई देता हूं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि देश में हवाई चप्पल पहनने वाला भी एक दिन प्लेन में चलेगा। वह सपना आज पूरा हो रहा है। भारतीय रेल का सफर सस्ता और सुरक्षित है। स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए निजी ट्रेन की शुरुआत बहुत अच्छी है। उन्होंने कहा कि देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेजस की तरह ही देश में कई और ट्रेनें चलनी चाहिए। रेलवे को आगरा से वाराणसी और गोरखपुर से लखनऊ के बीच एक हाई स्पीड ट्रेन चलानी चाहिए। इसके लिए जमीन सम्बंधी सभी जरूरतों को राज्य सरकार वहन करेगी। तेजस जैसी ट्रेनें चलने से ईको टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।

आईआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अश्विनी श्रीवास्तव ने ट्रेन रवाना होने से पहले कहा कि तेजस एक्सप्रेस के एक घंटे से अधिक लेट होने पर 100 रुपये मुआवजा दिया जाएगा, जबकि दो घंटे से अधिक की देरी होने पर 250 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त आईआरसीटीसी की इस पहली ट्रेन के यात्रियों को 25 लाख रुपये का नि:शुल्क बीमा भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि तेजस ट्रेन मंगलवार को छोड़कर हफ्ते में छह दिन चलेगी। इस ट्रेन का नियमित संचालन छह अक्टूबर से किया जाएगा। ट्रेन में यात्रियों को 60 दिन पहले टिकट बुक कराने की सुविधा है। यह ट्रेन 6.15 घंटे में लखनऊ से नई दिल्ली की दूरी तय करेगी। ट्रेन में 50 चेयरकार व पांच एग्जीक्यूटिव क्लास की सीटें विदेशी पर्यटकों के लिए होंगी रिजर्व होंगी।

मुख्य क्षेत्रीय प्र​बंधक ने कहा कि इस हाईटेक ट्रेन में सीट के ऊपर फ्लैश लाइट, ऑटोमेटिक डोर, अटेंडेंट बटन, गैंगवे पर हाई डेफिनेशन कैमरे, मूविंग टॉकीज की सुविधा, फायर स्मोक डिटेक्शन अलार्म, ऑटोमेटिक डस्टबिन, ट्रेन की स्पीड, स्टॉपेज और स्टेशन आने की दूरी दर्शाने के लिए एलसीडी, सिक्युरिटी गार्ड, जाने-माने शेफ से खाना, ऑटोमेटिक पर्दे, टॉयलेट में सेंसर वाली आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। इसके अलावा टी-कॉफी वेंडिंग मशीन और फ्री वाईफाई की सुविधा भी उपलब्ध है। इसके अलावा तेजस ट्रेन में यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखा गया है। इस ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों का समान चोरी होने पर एक लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। लखनऊ-नई दिल्ली तेजस एक्सप्रेस में चेयर कार का किराया 1125 रुपये और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का फेयर 2310 रुपये रखा गया है। वहीं, नई दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस में चेयर कार का किराया 1280 रुपये और एग्जीक्यूटिव चेयर कार का 2450 रुपये रखा गया है। उन्होंने कहा कि तेजस एक्सप्रेस के नई दिल्ली से लखनऊ आने के समय में बदलाव किया गया है। पहले इसके लखनऊ पहुंचने का समय रात 10.45 बजे था, जो अब 40 मिनट पहले रात 10.05 बजे हो गया है। वहीं, यह ट्रेन लखनऊ जंक्शन से सुबह 6:10 पर चलकर दोपहर 12:25 बजे नई दिल्ली पहुंचेगी।

देश की पहली कॉरपोरेट ट्रेन तेज एक्सप्रेस को लेकर लखनऊ जंक्शन में शुक्रवार को यात्रियों के बीच खासा उत्साह देखने को मिला। लखनऊ जंक्शन के प्लेटफॉर्म नम्बर छह का नजारा भी बदला-बदला रहा। लखनऊ से नई दिल्ली के बीच तेजस एक्सप्रेस को लोको पायलट सुबोध कुमार लेकर गए हैं। सुबोध कुमार पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के लोको पायलट हैं। वह लम्बे समय से मेल, एक्सप्रेस तथा सुपर फास्ट ट्रेन चला रहे हैं। उन्हें गोरखधाम सुपरफास्ट एक्सप्रेस, वैशाली एक्सप्रेस, सप्तक्रांति एक्सप्रेस, कैफियात एक्सप्रेस सहित दर्जनों ट्रेनों के संचालन का अनुभव है। तेजस एक्सप्रेस के लोको पायलट सुबोध कुमार को देश के विभिन्न ट्रेन पर एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का करीब 17 वर्ष का अनुभव है। लखनऊ से नई दिल्ली के बीच कई वर्षों से ट्रेन संचालन करने वाले सुबोध कुमार ने कहा कि मुझे तेजस एक्सप्रेस चलाने की जिम्मेदारी देने पर गर्व है।

उनके साथ सहायक के रूप में प्रशांत कुमार श्रीवास्तव हैं। प्रशांत श्रीवास्तव अभी तक वैशाली सुपर फास्ट एक्सप्रेस, गोरखधाम एक्सप्रेस, सप्त क्रांति एक्सप्रेस, गोरखपुर इंटरसिटी सहित करीब दो दर्जन ट्रेन चला चुके हैं। इनकी कार्यकुशलता सतर्कता और सिगनलिंग में बहुत अच्छी है। इतना ही नहीं इनके साथ स्टैंडबाई में दो लोको पायलट राकेश भारती व अखिलेश कुमार भी हैं। इस ट्रेन में केबिन क्रू की परिचायिकाएं एयर होस्टेस से कम नहीं है। काली कैप और पीले रंग की आकर्षक ड्रेस में केबिन क्रू की यह मेम्बर ट्रेन में फ्लाइट का अनुभव कराएंगी। तेजस एक्सप्रेस अपने संचालन के समय महिला सशक्तिकरण की भी साक्षी रही है। यह देश की पहली ट्रेन है, जिसमें ट्रेन कैप्टन सहित केबिन क्रू में महिलाएं हैं। ट्रेन की महिला कैप्टन के पास ही यात्रियों की समस्याओं को दूर करने के लिए कई विशेषाधिकार हैं। कैप्टन के साथ महिला मैनेजर और सहायक मैनेजर भी हैं।

यात्रियों को खानपान की सुविधा देने के लिए प्रत्येक कोच में दो-दो महिला स्टाफ की तैनाती की गयी है। कोच सी-9 में मनीषा और माही को लगाया गया। लखनऊ से नई दिल्‍ली के बीच तेजस एक्सप्रेस में पहले दिन करीब 400 यात्रियों ने सफर किया।

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