गुमला। एसबीआई गुमला मुख्य ब्रांच में आईटीडीए के खाते से फर्जी चेक के माध्यम से नौ करोड़ पांच लाख सोलह हजार सात सौ रुपये की निकासी का मामला गुरूवार को प्रकाश में आया है। उल्लेखनीय है कि खाता का संचालन उपविकास आयुक्त सह परियोजना निदेशक व अपर परियोजना निदेशक के संयुक्त हस्ताक्षर से होता है, लेकिन दोनों के हस्ताक्षर के बिना ही फर्जी चेक के माध्यम से इतनी बड़ी निकासी कर ली गई। चेक पर दोनों पदनाम पर एक ही व्यक्ति का हस्ताक्षर है। मगर बैंक कर्मियों ने गजब की लापरवाही बरती। ना तो हस्ताक्षर का मिलान किया गया और ना ही उपविकास आयुक्त सह परियोजना निदेशक के हस्ताक्षर नमूना जिसे भारतीय स्टेट बैंक गुमला को 12 जून 019 को उपलब्ध कराने के बावजूद उक्त खाते के संचालन में इनके हस्ताक्षर को अद्यतन नहीं किया गया है।

ऐसा प्रतीत होता है कि जिस फर्जी चेक को पारित करते हुए 90516700 मात्र हस्तानांतरित किया गया है, पर किये गये हस्ताक्षर का मिलान एवं चेक का सही रुप से सत्यापन बैंक के द्वारा नहीं किये जाने के कारण ही 90516700 राशि का हस्तानांतरण हो पाया है। इस पूरे मामले के संबंध में गुरूवार को विभाग द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। जिसमें कहा गया है कि 1 अक्टूबर 2019 को एक्सिस बैंक गुमला के शाखा प्रबंधक द्वारा उप विकास आयुक्त -सह- परियोजना निदेशक, आई.टी.डी.ए. गुमला को सूचित किया गया कि मेसो कार्यालय, गुमला के स्तर से आर.टी.जी.एस. के माध्यम से एक्सिस बैंक कोटपाड शाखा उड़ीसा के खाता में 26 सितंबर को 90516700 मात्र पटेल अमित चन्डिमल के खाते में हस्तांतरित की गई है एवं खाता धारक द्वारा हस्तांतरित राशि से निकासी करने के लिए चेक बैंक में प्रस्तुत किया गया है। परियोजना निदेशक, आई.टी.डी.ए. गुमला को जैसे ही यह सूचना प्राप्त हुई तत्काल भारतीय स्टेट बैंक, गुमला के मुख्य शाखा में जाकर इस संबंध में पूछताछ की गई। पूछताछ के क्रम में पाया गया कि बैंक में उपलब्ध पारित चेक पर अपर परियोजना निदेशक, आई.टी.डी.ए. एवं परियोजना निदेशक, आई.टी.डी.ए. गुमला के पदनाम पर एक ही व्यक्ति का हस्ताक्षर पाया गया।

इस पर परियोजना निदेशक संदेह व्यक्त करने एवं कार्यालय से संपर्क करने पर पाया गया कि उक्त तिथि को इस प्रकार का कोई चेक निर्गत नहीं किया गया है। इस संबंध में नाजिर आईटीडीए गुमला एवं अपर परियोजना निदेशक, आई.टी.डी.ए. गुमला को कार्यालय में उपस्थित होने का निदेश देते हुए कागजातों की जांच की गई। जांच के क्रम में पाया गया कि जो चेक बैंक द्वारा पारित करते हुए राशि का हस्तांनांतरण किया गया है वह चेक मूल रुप में कार्यालय के नजारत में सुरक्षित उपलब्ध है। इस बिन्दु पर गहन जांच एवं बैंक द्वारा पारित चेक एवं बैंक द्वारा कार्यालय को उपलब्ध कराये गये चेक बुकों में सम्मिलित चेक में काफी भिन्नता पाये जाने पर तुरंत शाखा प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक, गुमला मुख्य शाखा को परियोजना निदेशक के कार्यालय कक्ष में उपस्थित होने का निदेश दिया गया।
इस संबंध में चेक पर किये गये हस्ताक्षर के संबंध में पूछने करने पर अपर परियोजना निदेशक ने चेक पर किये गये हस्ताक्षर को फर्जी बताया । इस संबंध में परियोजना निदेशक, आई.टी.डी.ए. के द्वारा दिये गये निदेश के आलोक में स्थानीय थाना में बैंक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है। अभी तक प्राप्त सूचना के अनुसार हस्तानांतरित राशि में से लगभग 50-60 लाख रुपये की राशि संबंधित बैंक से खाताधारक द्वारा विभिन्न खातों में हस्तानांतरित किया गया है। जबकि एक बड़ी राशि लगभग 8.50 करोड़ रुपये की निकासी एवं हस्तानांतरण होने से बचाया गया है।
इस संबंध में संबंधित बैंक शाखा को खाता फ्रीज करने का निदेश दिया जा चुका है तथा शाखा प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक, गुमला को हस्तनांतरित संपूर्ण राशि वापस प्राप्त कर आई.टी.डी.ए. , गुमला के खाता में जमा करने का निर्देश दिया गया है।
इधर उपायुक्त, गुमला के द्वारा आई.टी.डी.ए. गुमला के सभी खातों में विगत दो वर्षो में किये गये लेन-देन की जांच करने के लिए जिला स्तर से पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन निदेशक, लेखा प्रशासन, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के नेतृत्व में किया गया। संबंधित टीम से एक सप्ताह के अन्दर प्रतिवेदन की मांग की गई है।

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