नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की अगुआई वाला बैंकों का समूह शराब कारोबारी विजय माल्या से पैसा वापस पाने की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ गया है। ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में भारतीय बैंकों के समूह को विजय माल्या की दिवालिया हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस से कर्ज की वसूली के संबंध में अपनी याचिका में संशोधन की मंगलवार को स्वीकृति दे दी।

दिवालिया और कंपनी मामलों की सुनवाई करने वाली मुख्य अदालत (आईसीसी) के न्यायधीश मिशेल ब्रिग्स ने बैंकों के पक्ष में अपने फैसला सुनाते हुए कहा कि ऐसी कोई सार्वजनिक नीति नहीं है जो कि बैंक बंधक रखी संपत्ति पर अपने प्रतिभूति संबंधी अधिकार को न हटा सकें।

अदालत ने इसके साथ ही इस मामले में अंतिम बहस के लिये 26 जुलाई की तिथि तय कर दी। वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई इस सुनवाई में 65 वर्षीय माल्या के पक्ष अथवा उसके खिलाफ दिवालिया आदेश देने के लिए 26 जुलाई को अंतिम बहस होगी। बैंकों का आरोप है कि माल्या मामले को लंबा खींचना चाहता है। उन्होंने दिवालिया याचिका को उसके स्वाभाविक परिणाम तक पहुंचाने की अपील की है। न्यायाधीश ने कहा कि वह बैंकों को संशोधन की अनुमति देते हैं।

 

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