नई दिल्ली। योग को दुनिया भर में पहुंचाने में भारत के कई योग गुरुओं  की अहम भूमिका रही है। जिन्‍होंने योग को पूरी दुनिया में पहुंचाया और लोगों को योग के प्रति जागरूक करने का काम किया.आइए जानें कुछ ऐसे योग गुरुओं के बारे में-

तिरुमलाई कृष्णमचार्य

  • तिरुमिलाई कृष्णमचार्य को हठयोग और विन्यास को फिर से जीवित करने का श्रेय दिया जाता है.
  • इन्हे आधुनिक योग का पितामह भी कहा जाता है.
  • उन्हें आयुर्वेद और योग दोनों का ज्ञान था.
  • योग को बढ़ावा देने के लिए के लिए उन्‍होंने पूरे भारत का भ्रमण ‌किया था.

 

स्वामी शिवानंद सरस्वती

  • शिवानंद पेशे से एक डॉक्टर थे. उन्होंने एक योगी की 18 खासियतों के बारे में लिखा था.
  • उन्होंने योग, वेदांत और कई अन्य विषयों पर करीब 200 से अधिक किताबें भी लिखीं.
  • उनके मुताबिक एक योगी मज़ाकिया स्वभाव का होना चाहिए और अपने योग में हास्य को रखा जाना चाहिए.
  • दुनिया को त्रिमूर्ति योग से परिचित कराने का श्रेय उन्‍हीं को जाता है.

 

के. पट्टाभि जोयीस

  • के. पट्टाभि जोयीस ने अष्टांग विन्यास योग शैली विकसित की थी.
  • उनके अनुयायियों में मडोना, स्टिंग और ग्वेनेथ पाल्ट्रो जैसे बड़े नाम शामिल थे.
  • वह अपने आष्टांग विन्यास योग के लिए मशहूर हुए.

 

बीकेएस अयंगर

  • बीकेएस अयंगर ने योग को भारत से निकालकर पूरी दुनिया में इसे फैलाया.
  • इन्होंने पतंजलि के योग सूत्रों को पुनः परिभाषित करके दुनिया को अयंगर योग से परिचित कराया.
  •  अंयगर योग के नाम से इनका एक योग स्कूल भी है.
  • इसके माध्यम से इन्होंने लोगों को योग के प्रति जागरूक करने का काम किया.

 

परमहंस योगानंद

  • पश्चिमी दुनिया को मेडिटेशन और क्रिया योग से परिचित कराने का श्रेय परमहंस योगानंद को दिया जाता है.
  • वह अपनी किताब एक योगी की आत्मकथा के लिए भी जाने जाते हैं.
  • उन्होंने अधिकतर जीवन अमेरिका में गुजरा था.
  • साथ ही उन्होंने दुनिया भर में योग और ध्यान का ज्ञान फैलाया.
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