बेंगलुरु। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में कैंपस में घुसकर नकाबपोशों के हमले पर दुःख व्यक्त करते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि कुछ विश्वविद्यालयों के परिसरों में हिंसा और राजनीति वाली प्रवृति तकलीफदेह है।

उपराष्ट्रपति मंगलवार को यहां राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) के रजत जयंती समारोह में बोल रहे थे।उन्हाेेंने कहा कि हाल के दिनों में कुछ विश्वविद्यालयों में जो हो रहा है, उससे वह परेशान हैं।उन्होंने कहा कि बच्चों को देशभक्त होना चाहिए, लेकिन भारत माता की जय का नारा लगाना देशभक्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के हर राज्य में लोगों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। जाति और भाषा की परवाह किए बिना सभी भारतीयों को एक मानना ​​ही सच्ची देशभक्ति है। उन्होंने कहा कि आज यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि राजनीति को शैक्षणिक संस्थानों और विश्वविद्यालयों के परिसरों से बाहर रखा जाना चाहिए।विचारधाराओं पर चर्चा करने में कुछ भी गलत नहीं है, लेकिन कार्यान्वयन विश्वविद्यालय परिसर के बाहर किया जाए।

नायडू ने कहा कि विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा के स्थान हैं। सभी स्कूलों में बच्चों को मातृभाषा में शिक्षित करने की आवश्यकता है और बच्चों को मातृभाषा में उच्च शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए। अंग्रेजी और फारसी सहित सभी भाषाओं को जानें, लेकिन कन्नड़ भाषा को न भूलें।
उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया विश्वविद्यालय नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद और अब कैंपस में घुसकर छात्रों की पिटाई से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय चर्चा में हैं।

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