धनबाद। देवरी गिरिडीह के 10 साल के अजीत बेसरा काे करीब डेढ़ माह पहले एक सियार ने काट लिया था। उसके परिजनाें ने इलाज कराने के बाद उसे चार एआरवी के बजाय तीन ही दिलवाया। जिसके कारण वह हाइड्राेफाेबिया का शिकार हाे गया। अब अजीत रह-रहकर सियार की तरह हरकत करने लगता है। पानी काे देख कर वह डर जाता है। परिजनाें ने बच्चे काे गंभीर हालत में साेमवार काे इलाज के लिए पीएमसीएच में भर्ती कराया। बच्चे काे फिलहाल पेडियाट्रिक वार्ड में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। बीमारी के कारण बच्चा कभी-कभी काफी तेज अवाज में चिल्लाने लगता है, व उग्र हाे जाता है। एक व्यक्ति काे बच्चे काे पकड़ कर रखना पड़ता है। ताकि वह किसी काे नुकसान ने पहुंचा दे।
कुछ दिनाें से बच्चे की हरकत बदलने लगी
देवरी निवासी बियातुस बेसरा ने बताया कि दिवाली के आसपास 10 वर्षीय के पुत्र अजीत काे सियार ने काटकर जख्मी कर दिया था। घटना के बाद बच्चे काे इलाज के लिए गिरिडीह सदर अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल में बच्चे काे समय-समय पर चार एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाने की सलाह दी गई। लेकिन परिजनाें ने लापरवाही कर दी। बच्चे काे सिर्फ दाे एअारवी लगवाने के बाद इंजेक्शन नहीं लगवाया। अब पिछले कुछ दिनाें से बच्चे की हरकत बदलने लगी।
हाइड्राेफाेबिया का नहीं है कोई इलाज
पीएमसीएच में पेडियाट्रिक डिपार्टमेंट के एचआडी डाॅ केके चाैधरी ने बताया कि रेबीज व हाइड्राेफाेबिया विषाणु से फैलने वाला खतरनाक राेग है। यह कुत्ते, बिल्ली, सियार, भेड़िया के काटने से हाेता है। इसका विषाणु हवा के माध्यम से भी फैलता है। हाइड्राेफाेबिया हाेने की स्थिति में पीड़ित मरीज काे पानी से डर लगने लगता है। इसका अगला चरण एयराेफाेबिया हाेता है, जिससे मरीज काे हवा से भी डर लगने लगता है। इस बीमारी का काेई इलाज नहीं है और मरीज की माैत तय मानी जाती है।