रांची। आज सोमवार को अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक आभासी पटल पर सम्पन्न हुई।

बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ मनमोहन वैद्य ने कहा कि, “प्रारंभ में संघ का कार्य सारे समाज को जोड़ने का है, जिससे सारा भारतीय समाज एक हो सके। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले आनुषांगिक संगठनों का कार्य प्रारंभ हुआ, जहां से अच्छे कार्यकर्ता तैयार हुए। हम सब का विचार एक है और हम भारत का भविष्य गढ़ने का दृष्टिकोण रखते हैं। धीरे-धीरे आनुषांगिक संगठनों का कार्य बढ़ता चला गया और पिछड़े वर्गों के उत्थान हेतु स्वदेशी के प्रचार हेतु कार्य प्रारंभ हुआ। भारत में अध्यात्म आधारित लोकतंत्र है इसलिए हिंदुत्व है।

मीडिया के माध्यम से संघ के कार्यों का प्रचार-प्रसार प्रारंभ हुआ एवं संघ के स्वयंसेवकों ने सक्रिय रहते हुए प्रत्यक्ष परिवर्तन की शुरुआत की जिसमें राष्ट्रीय दृष्टिकोण व विचार रखने वालों को जोड़ा गया।

उन्होंने कहा शिक्षक समाज का वाहक होता है, उसे विद्यार्थियों के साथ उनके अभिभावक जैसा जुड़े रहने की आवस्यकता है।

शिक्षक सामाजिक परिवर्तन का एक वाहक भी होता है इसलिए शैक्षिक महासंघ को अपने संगठन की दैनिंदन गतिविधियों के साथ ही इन बातों पर भी गंभीरता से ध्यान देना चाहिए-

  • पर्यावरण संरक्षण
  • कुटुम्ब प्रबोधन
  • गौ संरक्षण
  • भूमि सुपोषण एवं जल संरक्षण
  • वृक्षारोपण
  • प्लास्टिक के कम से कम उपयोग
  • इको ब्रिक्स का निर्माण
  • आर्गेनिक फार्मिंग आदि विभिन्न कार्य।

इन सब कार्यों से संगठन का माँ सम्मान बढ़ेगा और संगठन को निश्चित रूप से गति मिल सकेगी।
साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना काल ने बच्चों की शिक्षा पर बहुत ही प्रतिकूल प्रभाव डाला है। सिर्फ आनलाइन शिक्षण ही बच्चों की उज्ज्वल भविष्य का विकल्प नहीं है।

आंशिक रूप से ही सही हम उस कमी को दूर करने का प्रयास करें और अपने कार्यकर्ताओं व समाज के लोगों के माध्यम से अपने आसपास के 10-12 बच्चों को प्रत्यक्ष एकत्र कर उन्हें विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जीवन कौशल व संस्कारों की शिक्षा देने का प्रयास करें।

उन्होंने आगे कहा कि इस कार्य में 10वीं, 12 वीं या उच्च कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों का भी सहयोग लिया जा सकता है। ये बच्चे 6वीं 7वीं 8वीं को पढ़ा सकते हैं, इससे डोनोए में ज्ञान का आदान प्रदान होगा।

उन्होंने आगे कहा कि इस महामारी में जो बच्चे अनाथ हो गए या उनके परिवार में कोई कमाने वाला नहीं बचा उनकी भी जानकारी एकत्र कर उन्हें मदद पहुंचाने का प्रयास हो। आपने प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।

 

बैठक का विस्तार 3 सत्र में हुआ-

बैठक के प्रथम सत्र में महासंघ के महामंत्री शिवानन्द सिंदनकेरा ने विगत बैठक की कार्यवाही का वाचन किया गया एवं ‌कोषाध्यक्ष संजय कुमार राउत द्वारा आय व्यय का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया जिसे कार्यकारिणी द्वारा ध्वनिमत से अनुमोदित किया गया। तदोपरांत बाबा साहब अम्बेडकर तकनीकी विश्वविद्यालय शैक्षिक महासंघ की संबद्धता का प्रस्ताव महामंत्री शिवानन्द सिंदनकेरा द्वारा रखा गया जिसे कार्यकारिणी द्वारा ध्वनिमत से अनुमोदित किया गया। इसके पश्चात सभी राज्य संगठनों द्वारा अपने संगठन की गतिविधियों का वृत्त कथन प्रस्तुत किया गया।

बैठक के द्वितीय सत्र में महासंघ के अध्यक्ष प्रो जे पी सिंघल द्वारा शिक्षकीय समस्याओं पर विस्तार से चर्चा करते हुए महासंघ द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई। आपने संघ का मत रखते हुए बताया कि पुरानी पेंशन योजना, शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु पूरे देश में एक समान 65 वर्ष हो, समयबद्ध पदोन्नति की व्यवस्था हो, सातवें वेतनमान की विसंगतियां दूर हो, शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जाए, शिक्षकों को कोरोना योद्धा घोषित किया जाए, प्राचार्यों की विसंगतियां दूर की जाएं आदि। शैक्षिक महासंघ ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा प्रस्तावित मिश्रित शिक्षा पद्धति में आने वाली समस्याओं के सुझाव भेजे हैं और शिक्षकों के व्यावसायिक मापदंड पर भी अपने सुझाव एनसीईटी को प्रेषित किए हैं। देश भर से उपस्थित कार्यकर्ताओं ने भी अपने राज्यों की शिक्षकीय समस्याओं का उल्लेख करते हुए उनके समाधान की अपेक्षा की।

बैठक के तीसरे सत्र में महासंघ के संगठन मंत्री ने संगठन के कार्यक्रमों व कार्य योजना पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि कार्यक्रम ही किसी संगठन की जान होते हैं, कार्यक्रम के बिना कुछ भी नहीं है। कार्यक्रम ही हमारे संगठन को गतिमान व कीर्तिमान करते हैं। आपने संगठन के चार स्थाई कार्यक्रमों कर्तव्य बोध दिवस, नववर्ष प्रतिपदा, गुरु वंदन और जन जागरण का उल्लेख करते हुए, संगठन की वार्षिक योजना बैठक में वर्ष भर के कार्यक्रमों की समीक्षा और आगामी वर्ष की कार्ययोजना, वार्षिक सदस्यता, निर्वाचन, नए कार्यकर्ताओं का परिचय वर्ग, अभ्यास वर्ग, महिलाओं की अलग बैठकें, कार्यकारिणी बैठक, साधारण सभा बैठक, सम्मेलन, अधिवेशन, अनौपचारिक बैठकें, शिक्षक सम्मान आदि कार्यक्रमों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

बैठक में मीडिया प्रकोष्ठ प्रमुख विजय कुमार सिंह ने मीडिया प्रकोष्ठ द्वारा किए गए कार्यों, क्षेत्रश: व राज्यश: बैठकों, मीडिया प्रकोष्ठ की अपेक्षाओं, 17-18 जून को होने वाली आगामी मीडिया कार्यशाला आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। सभी से आग्रह किया कि सभी लोग फेसबुक व ट्विटर पर ABRSM_BHARAT के अधिकाधिक फालोवर्स बढ़ाएं।

शैक्षिक प्रकोष्ठ प्रमुख प्रो शैलेश कुमार ने सभी राज्यों में शैक्षिक प्रकोष्ठ की कम से कम सात सदस्यीय टोली गठित करने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि शैक्षिक प्रकोष्ठ के माध्यम से शिक्षक प्रशिक्षण, भारतीय सनातन सांस्कृतिक मूल्यों को लेकर कार्यक्रम, समाजोपयोगी शिक्षा, तनाव प्रबंधन, परीक्षा संबंधी सुझाव आदि विषयों पर कार्य करने की योजना है। प्रशिक्षण प्रकोष्ठ प्रमुख डॉ बसंत शेखर चंद्रात्रे ने भी सभी राज्यों में प्रशिक्षण वर्ग हेतु कार्यकर्ताओं की टोली खड़ी करने पर बल दिया।

साथ ही कहा कि प्रशिक्षण प्रकोष्ठ द्वारा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण हेतु अभ्यास वर्गों का आयोजन, कार्यक्रमों का प्रकार, प्रवास, बैठकों, रिपोर्टिंग, कार्यकर्ताओं के सर्वांगीण विकास की योजना करनी चाहिए। संगठन मंत्री महेन्द्र कपूर ने समर्थ भारत आयाम द्वारा आयोजित अखिल भारतीय शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता की जानकारी देते हुए अधिकाधिक सहभागिता सुनिश्चित करने का आह्वान किया। श्री कपूर ने कहा कि अपने सभी कार्यक्रमों व बातचीत में ABRSM का बार बार उल्लेख हमारे व्याप को बढ़ाने में सहायक होगा।

वहीं, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष डॉ प्रदीप सिंह ने झारखंड में शिक्षकों के प्रमोशन का मुद्दा उठाया। एस के एम यू के सचिव डॉ राजीव सिन्हा ने 2008 में नियुक्त शिक्षकों का सेवा शर्त अभी तक नहीं बनने से उत्पन्न कठिनाइयों को बतलाया। एस के एम यु के अध्यक्ष डॉ अजय सिन्हा ने कोरोना काल में मृत शिक्षकों के लिए विशेष सहायता की बात कही। उन्होंने उन शिक्षकों की स्थिति पर चिंता जताई जिन्हें मृत होने के बाद न नई पेन्शन मिलेगी न पुरानी पेन्शन।

बैठक में झारखंड प्रदेश महामंत्री डॉ. ब्रजेश कुमार, डॉ ज्योति प्रकाश, डॉ सुनीता गुप्ता, डॉ धनंजय वासुदेव द्विवेदी, डॉ विजय प्रकाश , डॉ दारा सिंह आदि शामिल हुए।

बैठक का संचालन महामंत्री शिवानन्द सिंदनकेरा द्वारा किया गया, सरस्वती वंदना ममता डी के द्वारा और संगठन गीत देव कृष्ण व्यास द्वारा प्रस्तुत किया गया। बैठक के अंत में महासंघ की अतिरिक्त महामंत्री डॉ निर्मला यादव द्वारा सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया गया तथा कोषाध्यक्ष संजय कुमार राउत द्वारा कल्याण मंत्र के साथ ही बैठक की कार्यवाही सम्पन्न हुई। बैठक में देश भर से 155 सदस्यों की उपस्थिति रही।

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