झारखंड: झारखंड से सटे बांग्लादेश के बॉर्डर के पास में स्थित झारखंड राज्‍य के 5 जिलों की डेमोग्राफी बहुत ही जल्‍द बदली जा सकती है।

लगभग 3 दशकों में बांग्लादेशी घुसपैठिए की संख्‍या में लगतार वृद्धि हो रहा है 20 सालाें में देखें तो लाखों से अधिक की तादाद में घुसपैठिए साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा और जामताड़ा जिलों के अलग-अलग इलाकों में आकर बस गये हैं।

झारखंड के इन सभी इलाकों में हो रहे जनसांख्यिकीय बदलाव को लेकर सरकारी विभागों ने केंद्र व राज्य सरकारों को समय-समय पर कई बार रिपोर्ट दि गई है।

गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए आदेश पर

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गृह मंत्रालय द्वारा दिए गए आदेश पर 1994 में साहिबगंज जिले में 17 हजार से अधिक बांग्लादेशियों की पहचान कर ली गई थी। सभी बांग्लादेशियों के सभी घुसपैठिए को मतदाता सूची नाम हटाया गया लेकिन उन्‍हें वापस नहीं भेजा जा सका।

रघुवार दास सरकार के शासन काल में गृह विभाग ने पूरे राज्‍य में NRC (नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजनशिप) लागू कराने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था। इस विषय पर केंद्र सरकार से कोई निर्णय नहीं निकल पाया था।

विधायक अनंत ओझा के द्वारा संथाल परगना जिलों में घुसपैठ का मामला उठाया था। उन्‍होंने बताया था कि कैसे साहिबगंज जिलों कई साालोंसे बांग्‍लादेशी घुसपैठ करके जनसंख्‍या संतुलन बिगड़ रहे है।

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