पटना: मणिपुर में जेडीयू के छह विधायकों में से पांच के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रतिक्रिया दी है। शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि 2024 में जनता का रुख पता चल जाएगा। देश की जनता सब देख रही है कि कौन क्या कर रहा है। भाजपा का जिक्र किये बगैर उन्होंने कहा कि दूसरे दलों के लोगों तोड़ना संवैधानिक काम है क्या? भाजपा के एक नए ढंग का काम कर रही है।

2024 में परिणाम देखने को मिलेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीए से अलग होने के निर्णय के पूर्व मणिपुर के विधायकों को इसकी सूचना दी गयी थी। तीन दिन पूर्व भी आज भाजपा में शामिल हुए पांचों विधायकों से हमारी बात हुई थी सभी ने तीन और चार सितम्बर को पटना में होने वाली बैठक में आने की बात कही थी लेकिन उससे पहले ही भाजपा ने उन्हें अपने खेमे में कर लिया है।

सभी विपक्षी दलों को 2024 एक साथ आने की जरूरत है

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विरोधी दल एकजुट होंगे तो 2024 में परिणाम देखने को मिलेगा। एक नए ढंग से काम किया जा रहा है। भाजपा को मात्र 50 सीट पर सिमटा देना है। अगले दो साल सतर्क रहने की जरूरत है। जदयू के हर नेता और कार्यकर्ता सतर्क रहें। देश में लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है। इसलिए सभी विपक्षी दलों को 2024 एक साथ आने की जरूरत है और जरूरत पड़ी तो वह समय आने पर दिल्ली जाएंगे।

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उल्लेखनीय है कि भाजपा में शामिल होने वाले विधायकों में जेएच जायकिशन, एन सनाते, मोहम्मद अछबजद्दीन, एएम खाउते और थांगजाम अरुण कुमार शामिल है। राज्य में अब जदयू के केवल एक विधायक बचे है। बताया जा रहा है कि ये पांचों विधायक बिहार में पार्टी के एनडीए गठबंधन से बाहर आने के फैसले से काफी नाराज चल रहे थे।

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