बरकट्ठा प्रतिनिधि। 

पूर्व विधायक और भाजपा नेता जानकी प्रसाद यादव ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि किसान समेत रैयत अंचल कार्यालय के कर्मियों की लापरवाही के कारण 2020- 21 वित्तीय वर्ष में म्यूटेशन के 653 ऑनलाइन आवेदन को सीओ ने रद्द कर दिया गया। इस वजह से लोग परेशान हैं। प्रतिदिन सैकड़ो लोग अंचल कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। रद्द होने और पुनः ऑनलाइन कर सुधार के उपाय बताने से भी पदाधिकारी से लेकर राजस्व कर्मी बताने से परहेज करते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर नवपदस्थापित सीओ से मिलकर रैयतों की समस्याओं को समाधान करने की बात कही। पूर्व विधायक ने कहा कि राजस्व कर्मचारी और अन्य अंचल कर्मियों के द्वारा किसानों, रैयतों की छोटी-छोटी भूल के कारण वर्ष 2020-21 में 653 दाखिल खारिज को रद्द किया गया है। म्यूटेशन आवेदन को एक बार जब अंचल से खारिज या रदद् कर दिए जाने पर रैयतों की परेशानी बढ़ जाती है। उन्होंने एकी प्रक्रिया को बताते हुए कहा कि रैयत अधिवक्ता के माध्यम से भूमि उप-समाहर्ता के समक्ष अपील करना पड़ता है। उसकी सुनवाई के बाद पुनः अंचल को भेजा जाता है। उसके बाद अंचल में रैयतों का दाखिल खारीज हो पाता है। इस वजह से किसान, गरीब रैयतों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ता है। जानकी यादव ने कहा कि बरकट्ठा काफी गरीब क्षेत्र है। यहां के किसान, रैयत गरीब हैं। साथ ही साथ कोरोना महामारी के बाद लोगों की आर्थिक स्थिति बहुत खराब हो चुका है। इस कारण से लोग न तो वकील कर पाते हैं। और न ही अपील कर पाते हैं। उन्होंने सीओ से कहा है कि रैयतों के म्यूटेशन आवेदन रदद् न हो।

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