कोलकाता। पश्चिम बंगाल से सटे बंगाल की खाड़ी में बने “गुलाब” चक्रवात के प्रभाव से पश्चिम बंगाल के साथ-साथ ओडिशा और तमिलनाडु के समुद्र तटीय इलाके में भारी बारिश होगी। मौसम विभाग के क्षेत्रीय मुख्यालय के निर्देशक जी सी दास ने शनिवार दोपहर जारी एक बयान में इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि फिलहाल चक्रवात दोपहर के समय ओडिशा के गोपालपुर से 470 किलोमीटर दूर है जबकि आंध्र प्रदेश के कलिंगपटनम से 540 किलोमीटर दूर है। 26 सितंबर की शाम तक यह सबसे पहले ओडिशा और आंध्र प्रदेश के समुद्र तटीय क्षेत्रों से टकराएगा।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने कम दबाव के क्षेत्र से पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है. बिहार (Bihar) और झारखंड (Jharkhand) पर भी इसका असर देखा जा सकता है. इसलिए प्रशासन को भी अलर्ट पर रहने के लिए कहा गया है


इसके प्रभाव से उसी दिन पश्चिम बंगाल के तटवर्ती क्षेत्रों में भारी बारिश और तेज आंधी तूफान चलेंगे। उसके बाद 27 सितंबर को चक्रवात पश्चिम बंगाल के पूर्वी तटीय क्षेत्रों से टकरा सकता है जिसके कारण इन इलाकों में जानमाल के नुकसान की आशंका है। 29 सितंबर को भी एक निम्न दाब बनेगा जिसके कारण आंधी तूफान के साथ भारी बारिश होने की संभावना है।

इसे देखते हुए पश्चिम बंगाल प्रशासन पहले से ही सतर्क है और आपदा प्रबंधन विभाग को राहत और बचाव के लिए तैयार रहने को कहा गया है। पश्चिम बंगाल में पिछले 4 दिनों से लगातार हुई बारिश की वजह से अभी भी राजधानी कोलकाता के अलावा दक्षिण बंगाल के इलाके में जलजमाव है। इस बीच रविवार को एक बार फिर भारी बारिश और सोमवार को भी चक्रवात के प्रभाव से आंधी तूफान के साथ मूसलाधार बारिश की आशंका ने लोगों को डर के साए में रखा है। राज्य के मुख्य सचिव हरि कृष्ण द्विवेदी ने इसे लेकर बैठक में तटवर्ती जिलों के जिलाधिकारियों और प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया है कि यहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर ले जाने की पूरी व्यवस्था की जाए।

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