कटकमसांडी (हजारीबाग)।  लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रखंड क्षेत्र के रेबर, होरिया, बलिया, व गरबा गांव के खेतों में पटवन के लिए करीब 20 करोड़ के लागत से नौ किमी. नवनिर्मित नहर के पहली बारिश में टूट जाने के बाद अब संवेदक द्वारा पुनरूद्धार के नाम पर लीपापोती का कार्य शुरू हो गया है। छह माह पूर्व बने नहर के दीवारों में जगह जगह पड़े दरारों को सीमेंट व बालू से छिपाने का प्रयास किया जा रहा है।

मालुम हो कि रेबर गांव के रतनियां टोला के समीप पिछले दिनों हुई बारिश में करीब 40 फीट तक टूटे नहर का जायजा लेने पहुंचे लघु सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता सहित एई व जेई को ग्रामीणों व किसानों के आक्रोश का भीषण सामना करने के बाद संवेदक को तत्काल पुनर्निर्माण करने का आदेश दिया गया। मगर हैरत की बात तो यह है कि नहर निर्माण में बरते गए अनियमितता के बावजूद अधिकारियो द्वारा न संवेदक को फटकार लगाई गई और न ही निर्माण कार्य का देख रेख कर रहे जेई व एई पर कोई कार्रवाई की गई।

इधर बगैर जेई व एई के मौजूदगी में युद्ध स्तर पर टूटे नहर की पुनरूद्धार किया जा रहा है। बता दें कि इस नहर टूटने व नहर के मलबे से आस पास के करीब पांच एकड़ खेतों में लगे धान का फसल बर्बाद हो गया। भुक्तभोगी मनोज मेहता, रामेश्वर साव, मुरली साव, मनी साव, चौतरी साव, महेन्द्र साव आदि किसानों द्वारा लगातार मुआवजे को लेकर संवेदक पर दबाव बनाया जा रहा है। भुक्तभोगियों का कहना है कि बगैर फसल क्षति के मुआवजा भुगतान किए नहर पर किसी तरह का निर्माण कार्य को बाधित किया जाएगा। मगर संवेदक मुकेश साव द्वारा लगातार ग्रामीणों को धमकाया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अगर नहर निर्माण कार्य को बाधित किया जाता है तो विभाग द्वारा ग्रामीणों पर कार्रवाई की जाएगी।

भयभीत ग्रामीण किसानों के समक्ष असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि वह क्या करे और इंसाफ के लिए कहां जाएं। विदित हो कि नहर टूट जाने की खबर पाकर पहुंचे कटकमसांडी पूर्वी व पश्चिमी के दोनो सांसद प्रतिनिधि राजेन्द्र प्रसाद राजा व मुनेश ठाकुर ने मौके पर पहुंचकर नवनिर्मित नहर की जर्जर स्थिति देख पूरे मामले की हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा से उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग भी पूर्व में की है। उन्होंने बताया कि करोड़ों रूपए खर्च होने के बावजूद बेतरतीब बनाए गए नहर से डैम का पानी खेतो में न जाकर उल्टा खेतों का पानी नहर होकर डैम में जाने से पानी के दबाव के कारण बीच में नहर टूट कर बह गई है।

सांसद प्रतिनिधि राजेन्द्र प्रसाद राजा ने बताया कि करीब नौ किमी. नहर पहली ही बारिश में अपनी गुणवत्ता की पोल खोल चुकी है। नहर के दोनों छोरों की दीवारें हर जगह टूट फूट गई है। इसकी जानकारी सांसद जयंत सिन्हा को देकर संवेदक के विरुद्ध कार्रवाई कराए जाने की मांग भी की जा चुकी है।ज्ञात हो कि रेबर बीयर (छोटा) डैम से दो कैनल निकाला गया है। एक कैनल रेबर से होकर बलिया होते हुए गरवा तक और दूसरा कैनल रेबर से होकर होरिया होते हुए कुटीपिसी तक निकाला गया है।

Show comments
Share.
Exit mobile version