Ranchi : सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि कृषि का क्षेत्र हो या पशुपालन का, खिलाड़ी हों या श्रमिक, रोजगार करना चाहते हों या स्वरोजगार, आप जिस भी फील्ड में आगे बढ़ना चाहते हैं, सरकार आपकी पूरी मदद करेगी। मौका था रामकृष्ण मिशन विवेकानंद एजुकेशन एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट मोरहाबादी के वार्षिक दीक्षांत समारोह का। सीएम हेमंत सोरेन ने बतौर मुख्य अतिथि स्टूडेंट्स को गोल्ड मेडल और डिग्रियां दी। साथ ही उम्मीद जताई कि यहां से निकला हर नौजवान अपनी एक अलग पहचान बनाएगा और स्वामी विवेकानंद के आदर्शो पर चलते हुए मजबूत समाज के निर्माण में योगदान देगा।
व्यवस्था को दे रहें हैं मजबूती
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में पहले से जो व्यवस्थाएं चली आ रही है, वह चलती रहेगी। लेकिन, उसके समानांतर एक ऐसी उत्कृष्ट और मजबूत व्यवस्था हम तैयार कर रहे हैं जो आगे चलकर स्वतः पूर्व की व्यवस्था की जगह ले लेगा। यह नवीन व्यवस्था राज्य की नींव को मजबूती देने का काम करेगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में संस्था करे मार्गदर्शन
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि जिस तरह ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती हमारी सरकार की प्राथमिकता है, उसी तरह रामकृष्ण मिशन भी उसी क्षेत्र में काम कर रही है जो आज के भौतिकवादी युग में हाशिये पर हैं। ऐसे में सरकार को यह संस्था मार्गदर्शन करे। उन्होंने यह भी कहा कि कृषि और पशुपालन हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ होती थी, लेकिन आज खेतों की जगह खदान और फैक्ट्रियां नजर आ रही हैं। ऐसे में विकास की अंधी दौड़ में परंपरागत व्यवस्था को पूरी तरह नजर अंदाज करना झारखंड जैसे राज्य के लिए अच्छा संकेत नहीं है। यही वजह है कि हमारी सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत कर रही है। गांव मजबूत होंगे तो राज्य और देश भी मजबूत बनेगा।
खुद से खड़ी कर रहे कई चुनौतियां
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार की कई योजनाएं अगर असफल होती है तो इसके पीछे कहीं ना कहीं हम भी इसके लिए जिम्मेवार होते हैं। अगर हम देखे तो पूरे देश में वर्षों से स्वच्छता अभियान चला आ रहा है, लेकिन कई लोग आज भी अपने घर की गंदगियों को सड़कों पर फेंक देते हैं। नदियों की साफ- सफाई के लिए एक्शन प्लान बने हैं। करोड़-अरबो रुपए खर्च भी हुए हैं ।लेकिन, आज नदियों को जितना स्वच्छ होना चाहिए, वह नहीं दिख रहा है। हमारी यह लापरवाही कहीं ना कहीं हमारे साथ पूरे राज्य और देश के लिए खतरे का कारण बन जाएगा। ऐसे में हमें पूरे समर्पण और सेवा भाव से काम करने की जरूरत है।
कमजोरों को बढ़ा रहे हैं आगे
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि समाज में जो कमजोर लोग हैं, उन पर सरकार की विशेष नजर है। उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं। आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार उठा रही है। इसी कड़ी में आदिम जनजाति के युवक-युवतियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए निःशुल्क आवासीय कोचिंग दी जा रही है। प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी से लेकर मेडिकल इंजीनियरिंग और लॉ जैसे कोर्सेज के साथ विदेश में उच्च शिक्षा के लिए भी सरकार आर्थिक मदद कर रही है। बच्चियां पढ़ाई से वंचित न रहे, इसके लिए उन्हें सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से जोड़ा जा रहा है। सरकार का मकसद शिक्षा की बेहतरी के साथ स्टूडेंट्स को बेहतर भविष्य के लिए तैयार करना है।
झारखंड के मजदूर देश के नवनिर्माण में दे रहे योगदान
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड एक मजदूर बहुल राज्य भी है। यहां के मजदूर सरल होने के साथ-साथ मेहनतकश होते हैं। यही वजह है कि हमारे राज्य के मजदूर देश के हर हिस्से में अपनी मेहनत से विकास में अहम योगदान दे रहे हैं। सीएम ने कोरोना काल को याद करते हुए कहा कि जिस वक्त लोग अपनी घरों में कैद थे, उस दौरान भी यहां के हजारों मजदूर लेह-लद्दाख जैसे देश के सीमावर्ती और सुदूर क्षेत्र में बिना अपनी जान की परवाह किए सड़क निर्माण के कार्य में लग रहे, क्योंकि यह देश की सुरक्षा का मामला था।
स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया नमन
सीएम हेमंत सोरेन ने रामकृष्ण मिशन आश्रम परिसर में स्थित स्वामी विवेकानंद जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर नमन किया। उन्होंने यहां पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी लंबे समय से इच्छा थी कि इस संस्था में आकर यहां की गतिविधियों को जानें और समझें। जो आज स्वामी जी के सहयोग से पूरा हुआ। रामकृष्ण मिशन जिस तरह झारखंड जैसे प्रदेश के उत्थान के लिए कार्य कर रहा है, वह सराहनीय है। इस मौके पर रामकृष्ण मिशन की दो पत्रिकाओं का भी मुख्यमंत्री ने विमोचन किया।
ये रहे मौजूद
मौके पर कृषि मंत्री बादल, रामकृष्ण मिशन आश्रम रांची के स्वामी सुविदानंद जी महाराज, स्वामी सर्वात्मानंद जी महाराज, स्वामी आत्मानंद जी महाराज और स्वामी भवेशानंद जी महाराज के अलावा रामकृष्ण मिशन विवेकानंद एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट से जुड़े अन्य स्वामी और विद्यार्थी मौजूद थे।