रामगढ़। जिले में कोरोना का खतरा बढ़ता ही जा रहा है। जिला प्रशासन ने इस महामारी से बचने का जिम्मा अब खुद जनता के कंधों पर डाल दिया है। बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए डीसी संदीप सिंह ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए आम जनता को खुद ही सतर्क रहना होगा। अगर वे नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो जो सेवाएं बहाल की गई है, वह सभी बंद करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जा सकता है। डीसी ने कहा कि जिले में अब तक कुल कोरोना के 156 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 123 ठीक होकर अपने घर वापस भी जा चुके हैं। लेकिन 33 लोग अभी भी कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 7 दिनों में ही कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती हुई दिखाई दी है। इससे यह संकेत मिल रहे हैं कि अब हमें बेहद ज्यादा अलर्ट रहने की जरूरत है।
पतरातू का सीआईएसफ कैंप और रामगढ़ के दुसाध मोहल्ला में मिले ज्यादा मरीज
डीसी ने बताया कि कोरोना के मरीजों की संख्या इसलिए बढ़ी क्योंकि कुछ लोगों ने लापरवाही बरती है। इसमें पतरातू पीवीयूएनएल का सीआईएसफ कैंप और रामगढ़ का दुसाध मोहल्ला भी शामिल है। उन्होंने बताया कि सीआईएसफ कैंप में 13 और शहर के दुसाध मोहल्ला में 12 कोरोना मरीज मिले हैं। 27 मोहल्ला में रह रही एएनएम ने बिना सरकारी अनुमति के ही बिहार का दौरा किया था। वह एक कार्यक्रम में शामिल होकर वापस लौटी थी। यहां आने के बाद भी उसने अधिकारियों को इसकी सूचना नहीं दी और काम पर लग गई जिसकी वजह से उसके पूरे परिवार के कुल 12 सदस्य कोरोना से संक्रमित हो गए।
किसी भी जिले से रामगढ़ आने वाले की होगी जांच
डीसी संदीप सिंह ने बताया कि शुरुआती दौर में सिर्फ 24 जिले ही हॉटस्पॉट चिन्हित किए गए थे। लेकिन अब यह देखा जा रहा है कि जो स्थान हॉटस्पॉट में शामिल नहीं था, वहां से भी लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। इसलिए अब दूसरे प्रदेश और यहां तक कि दूसरे जिले से आने वाले लोगों को खुद ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जाकर अपनी जांच करानी होगी। साथ ही एकांतवास का पालन करना होगा। अगर वे नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी।
डीसी ने बुधवार को आदेश जारी किया है कि कोई भी मेडिकल स्टोर खांसी और सर्दी की दवा देने से पहले खरीदने वाले का नाम, पता और मोबाइल नंबर नोट करेगा। यह सूचित जिला प्रशासन को उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिले के सभी फार्मासिस्ट और मेडिकल स्टोर को यह निर्देश दिया गया है कि वे उन लोगों की लिस्ट उपलब्ध कराएं जो उनसे दवाइयां खरीद रहे हैं। खासतौर पर वैसे लोग जो खासी, सर्दी और बुखार की दवा खरीद रहे हैं।
बिना मास्क वालों से वसूले गए 1.5 लाख से अधिक फाइन
डीसी ने बताया कि कोरोना से बचने के लिए या बेहद जरूरी है कि लोग मास्क पहनकर ही बाहर निकलें। अब तक जिले में जांच के दौरान डेढ़ लाख से अधिक का जुर्माना वैसे लोगों से वसूला गया है जिन्होंने मास्क नहीं पहना था। हालांकि प्रशासन की प्राथमिकता यह है कि लोग कोरोना से सतर्क रहें।
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