बरकट्ठा प्रतिनिधि। जितिया पर्व पर नहीं सुनाई दी झूमर के गीत और मांदर की थाप, चक्रवाती तूफान गुलाब का असर। जितिया पर्व पर लगने वाले झूमर कार्यक्रम पर चक्रवाती तूफान गुलाब का जबरदस्त असर रहा। बुधवार के दिन से गुरुवार शाम तक लगातार हो रही बारिश के कारण जितिया पर्व पर गांव टोले में आयोजित होने वाले लोक नृत्य और गीत कार्यक्रम नहीं हो पाया। लोंगो ने इसके लिए एक सप्ताह से तैयारी की थी। झूमर को झंकृत करने वाले बाजा मांदर को पैसे खर्च कर लोंगो ने बनाया। लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण न झूमर के गीत और मांदर की थाप पर नृत्य नहीं होने का मलाल लोंगो में देखा गया। जीवित्पुत्रिका वर्त यानी लोक भाषा मे जितिया पर अपने पुत्र की आयु की लंबी कामना और सुख समृद्धि के लिए होती है। इसी के उपलक्ष्य में झूमर का आयोजन कर खुशियां मनाते हुए झुमटा गीत गाकर पुत्र के लिए देवता से मंगलकामना करते हैं।

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