रांची। झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि किसी भी प्रदेश के विकास के लिए क्वालिटी शिक्षा जरूरी है। शिक्षा के बिना विकास संभव नहीं है। सीमित संसाधन में भी हम विकास की गति लेकर चल सकते हैं।
मुर्मू सोमवार को मोरहाबादी स्थित दीक्षांत मंडल में रांची विश्वविद्यालय के 33वें दीक्षांत समारोह में बोल रही थी। उन्होंने गोल्ड मेडल और उपाधि पाने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि रांची विवि स्थापना काल से अनगिनत शिक्षाविद्, वैज्ञानिक, अनुसंधानकर्ता, प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस अधिकारी, चिकित्सक, अभियंता, प्रबंधक, कानूनविद्, साहित्यकार आदि दिये। जिन्होंने अपनी क्षमता का परिचय देते हुए प्रदेश ही नहीं, राष्ट्र को भी गौरवान्वित किया है। यह विवि झारखण्ड का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। प्राकृतिक एवं खनिज सम्पदा से समृद्ध झारखण्ड में विकास की असीम संभावनाएं हैं, लेकिन बौद्धिक संपदा के बिना हम इनका कुशलतापूर्वक समुचित उपयोग नहीं कर सकते। इस परिप्रेक्ष्य में शिक्षण संस्थानों की अहम् भूमिका है। बौद्धिक ज्ञान और सूचना तकनीकी के विभिन्न आयामों के जरिये ही हम विकास की गति को तेज कर सकते हैं। राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे प्रदेश की जीवन्त कला-संस्कृति की विशिष्ट पहचान है।
उन्होंने कहा कि किसी भी देश या प्रदेश के विकास के लिए 21वीं शताब्दी में क्वालिटी एजुकेशन सबसे महत्वपूर्ण शर्त है। इसके बिना समाज के सर्वांगीण विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। इस दिशा में उनके द्वारा विभिन्न विश्ववविद्यालयों के कुलपति सहित अन्य पदाधिकारियों के साथ समीक्षा की जाती है। राज्य के सभी विश्वविद्यालय, महाविद्यालय नैक से मूल्यांकन कराने की दिशा में सक्रिय रह रहे हैं। राँची विवि सहित राज्य के अन्य विश्वविद्यालयों में ससमय परीक्षा का आयोजन के साथ समय पर रिजल्ट प्रकाशित हुआ है और कक्षायें भी समय पर प्रारंभ कर दी गई। राज्यपाल ने कहा कि सत्र का नियमित होना एक बड़ी चुनौती थी, जो राज्य गठन के पूर्व से ही व्याप्त थी। अब यहाँ चांसलर पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन नामांकन हो रहा है। राष्ट्रहित में सुखद है कि झारखण्ड में हायर एजुकेशन के क्षेत्र में ग्रॉस इनरोलमेंट रेशियो में वृद्धि हुई है। अधिक-से-अधिक विद्यार्थी उच्च शिक्षा ग्रहण करें, इस दिशा में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों में विभिन्न विषयों की दो पालियों में पढ़ाई होती है।
हमारे विश्वविद्यालय रक्तदान शिविर के आयोजन के साथ स्वच्छ भारत अभियान, शिक्षित भारत, वृक्षारोपण कार्यक्रम समेत अन्य योजनाओं को सफल बनाने की दिशा में सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता और विकास कार्यों के आकलन में भी विश्वविद्यालय का सहयोग अपेक्षित है। इस परिप्रेक्ष्य में उन्होंने कहा है कि हमारे विश्वविद्यालय ग्रामों को गोद ले और वहाँ विकास के लिए कार्य करें। इस दिशा में कार्य किया जा रहा है।
मुर्मू ने कहा कि रांची विवि द्वारा विभिन्न परंपरागत विषयों, जनजातीय एवं क्षे़त्रीय भाषा विभाग के अतिरिक्त टेक्निकल, वोकेशनल एवं जॉब ओरिएंटेड कोर्स का संचालन हो रहा है। इन सब पाठ्यक्रमों में क्वालिटी एजुकेशन महत्त्वपूर्ण है। शोध का स्तर और उच्च हो, हमारे शिक्षकगण विद्यार्थियों को नये प्रगतिशील विचारों के प्रति जागरूक करें। विश्वविद्यालय से यह अपेक्षा है कि यहाँ शिक्षा का ऐसा वातावरण स्थापित हो कि राज्य ही नहीं, पूरे देश में यह मॉडल विश्वविद्यालय के रूप में पहचाना जाय। हमारे छात्र नैतिकता से परिपूर्ण, अनुशासित एवं चरित्रवान बनें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपनी मेहनत और लगन से लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ें। साथ ही राष्ट्र निर्माण में सकारात्मक योगदान दें।