खूंटी। प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई और पुलिस के बीच मंगलवार की शाम रनिया थाना क्षेत्र के डिगरी जराटोली जंगल में मुठभेड़ हो गयी। मुठभेड़ के दौरान राम भंगरा नामक एक उग्रवादी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि अन्य उग्रवादी घने जंगल का लाभ उठकार भागने में सफल रहे। मुठभेड़ के दौरान उग्रवादियों की ओर से 15-20 राउंड जबकि पुलिस की ओर 15 चक्र गोलियां चलायी गयी। गिरफ्तार उग्रवादी के पास से दो देसी कट्टा, दो जिंदा कारतूस और एक खोखा बरामद किया गया। घटनास्थल से पुलिस ने पांच मोटरसाइकिलें भी बरामद की हैं। इनमें एक होंडा साइन, एक अपाची, एक होंडा होरनेट, एक हीरो हंक और और एक पल्सर बाइक शामिल है। 

इस संबंध में एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि पीएलएफआइ का दस्ता गुमला और खूंटी जिले के सीमवर्ती क्षेत्र डिगरी जंगल में भ्रमणशील है और किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है। सूचना के सत्यापन के बाद एएसपी अभियान रमेश कुमार और तोरपा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ओम प्रकाश तिवारी के नेतृत्व में जिला पुलिस और सीआरपीएफ 94 बटालियन की दो टीमों का गठन किया गया। मंगलवार की शाम दोनो टीमों ने डिगरी जराटोली में अलग-अलग दिशा से छापेमारी की। पुलिस को देखते ही नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की और 15 राउंड गोलियां चलायी। पुलिस को भारी पड़ता देख अन्य उग्रवादी तो भागने में सफल रहे, पर राम भेंगरा को पुलिस ने दबोच लिया। वह रनिया थाना के कुलाप गांव का रहने वाला है। पूछताछ में गिरफ्तार उग्रवादी ने बताया कि जेहन टोपनो का दस्ता डिगरी जंगल में भ्रमणशील था। उसने अन्य दस्तों के बारे में भी पुलिस को जानकारी दी। छापेमारी टीम में सीआरपीएफ के सहायक समादेष्टा गोपाल सिंह, तोरपा के पुलिस इंस्पेक्टर दिग्विजय सिंह, तोरपा के थाना प्रभारी अरविंद कुमार, रनिया थाना प्रभारी रौशन कुमार, तोरपा थाना के एसआई अकबर खान, रनिया थाना के एसआई संदीप कुमार के अलावा सैट तोरपा, जिला पुलिस और सीआरपीएफ के जवान शामिल थे।

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