खूँटी। झारखंड शिक्षा परियोजना खूंटी के द्वारा जिले के शिक्षा विभाग में कार्यरत सभी प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों, संकुल साधन सेवियों, शिक्षकों के साथ समीक्षा बैठक आयोजित हुई। इसमें यु डाइस़, एसडीएमआईएस, डीजी साथ कार्यक्रम, पाठ्यपुस्तक वितरण, अग्रिम समायोजन के साथ-साथ विद्यालयों, संकुल संसाधन केन्द, प्रखंड संसाधन केन्द की सम्पूर्ण राशि वापसी सहित विभाग द्वारा चलाए जा रहे अन्य कार्यक्रमों की विस्तृत समीक्षा की गई। इसकी अध्यक्षता अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी नलिनी रंजन ने की।
बैठक के दौरान अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने कहा कि अब बी.आर.सी से पुस्तकें निकलनी शुरू हो गयीं हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी शिक्षक संकुल साधन सेवियों के सहयोग से यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि किताबें जल्द से जल्द बच्चों के हाथ में पहुँच जाएँ। इस कार्य में किसी भी प्रकार का विलम्ब नहीं होना चाहिए। साथ ही साथ पुस्तक वितरण की अद्यतन जानकारी इ वद्यावाहिनी में भी यथाशीघ्र दर्ज भी किया जाना चाहिए।
समीक्षा के दौरान यु डाइस़ एवं एसडीएमआईएस पर चर्चा की गयी। सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को निर्देश दिया गया कि जल्द से जल्द काम पूरा कर लें। खूंटी प्रखंड में प्रगति घीमी होने पर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी एवं प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी से कारण पृच्छा करने का निर्देश दिया गया। नलिनी रंजन ने कहा कि इसे पूरा करने की अंतिम तिथि नजदीक है। ससमय कार्य पूर्ण नहीं होने की स्थिति में कड़ी कारवाई की जाएगी।
बैठक के दौरान जिले के डीआरजी बजरंग साहू ने बताया कि एक बच्चे का एसडीएमआईएस अपडेट करने में पांच से सात मिनट का समय लगता है एवं प्रक्रिया पहले के मुकाबले थोड़ी सरल हो गयी है। अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा सभी शिक्षकों को निदेश दिया गया कि इस काम को जल्द से जल्द पूरा करें। इस संदर्भ में सभी प्रखंडों के प्रदर्शन की समीक्षा की गयी।
समीक्षा बैठक में डीजी साथ कार्यक्रम की विस्तृत चर्चा की गयी। राज्य द्वारा कार्यक्रम के विभिन्न मानदंडों पर प्रेषित स्कोरकार्ड पर चर्चा की गयी। चर्चा के दौरान बताया गया कि खूंटी में केवल 89 विद्यालयों में ही ऑनलाइन कक्षा का संचालन किया जा रहा है जो अन्य जिलों के मुकाबले काफी खराब है। बैठक के दौरान निदेश दिया गया कि कम से कम जिले के मध्य एवं उच्चतर विद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जाना चाहिए। इस सम्बन्ध में कुछ शिक्षकों ने बताया कि कोविड ड्यूटी में लगे रहने के कारण उन्हें ऑनलाइन कक्षाएं लेने में दिक्कत होती है। ऐसी स्थिति में निर्देश दिया गया कि कम से कम एक कक्षा ऑनलाइन माध्यम से संबंधित शिक्षक द्वारा लिया जा सकता है।
पीरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधि एवं कार्यक्रम के समन्वयक कुमार गौरव ने बताया कि ऑनलाइन कक्षा लेने के बाद विद्यालय के प्रभारी अपने सभी शिक्षकों से सूचना एकत्रित करने के बाद निश्चित रूप से ऑनलाइन कक्षाओं के संचालन सम्बन्धी पुष्टिकरण फॉर्म जरुर भरें ताकि राज्य इससे अवगत हो पाए। इसके साथ ही गौरव ने इस बात पर भी जोर दिया कि अभी भी कई ऐसे विद्यालय हैं जिनके प्रभारी के द्वारा एक बार भी पुष्टिकरण फॉर्म नहीं भरा गया है। इससे खूंटी जिले की रैंकिंग अन्य जिलों के मुकाबले लगातार नीचे जा रही है। इसके कारण जिले में नामांकित बच्चों का आंकड़ा भी कम दिखाई पड़ता है, जबकि वैसे विद्यार्थी भी जो ऑनलाइन माध्यमों से शिक्षण का लाभ उठा रहे हैं। इसलिए सभी प्रखंड पुष्टिकरण फॉर्म भरना यथाशीघ्र सुनिश्चित करें।
इस बैठक में विभाग के सचिव द्वारा सभी विद्यालयों व संकुल संसाधन केन्द्र को बकाया राशि भी लौटाने का निर्देश दिया गया।
बैठक में जिले के सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी विनय जयसवाल, कुलदीप सोय एवं सतीश मिश्रा, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी डोमन मोची, राम जीबन नायक एवं सुरेन्द्र हेम्ब्रोम, प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी मनमोहन साहू, नरेन्द्र सिंह, विवेक कुमार, रंजीता बखला, स्मृति शाइनी एवं कालेश्वर साहू मौजूद थे।