गुमला। सिसई पुलिस ने चर्चित कैलाश उरांव हत्याकांड का उद्भेदन कर लिया है। हत्याकांड का मास्टर माइंड़ सुखराम उरांव और सुपारी किलर शत्रुघ्न उरांव उर्फ उर्फ पगला उर्फ अजय टाइगर को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपी रिश्ते में साला –बहनोई हैं। वहीं दो अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस द्वारा लगातार प्रयास कर रही है।
इस संबंध में गुमला के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मनीष चंद्र लाल ने रविवार को सिसई थाना परिसर में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दो आरोपियों को मीडिया के सामने प्रस्तुत करते हुए घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंंने बताया 21 फरवरी 21 को कैलाश उरांव की टांगी से काट कर हत्या कर दी गई थी। कैलाश के मौजूद सोमा उरांव को भी आरोपियों ने टांगी से मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया गया था। छानबीन के दौरान यह तथ्य सामने आया कि इस हत्याकांड को चार लोगों द्वारा अंजाम दिया गया है और उनके नाम सुखराम उरांव ,शत्रुघ्न उरांव उर्फ पगला उर्फ अजय टाईगर, सोमा उरांव व मनीष उरांव उर्फ मनसा हैं। इसी बीच शनिवार को शत्रुघ्न उरांव के तुरियम्बा स्थित घर में छिपे होने की गुप्त सूचना मिली। इसके बाद एक छापामार दल का गठन किया गया। टीम ने छापामारी करते हुए शत्रुघ्न उरांव को उसके घर से धर दबोचा। जब पुलिस ने कड़ाई के साथ पूछताछ की तो शत्रुघ्न उरांव ने सारे राज पुलिस के समक्ष उगल दिये। उसकी निशानदेही पर हत्याकांड का मास्टर माइंड सुखराम उरांव को भी शनिवार की रात गिरफ्तार कर लिया गया।
एसडीपीओ ने बताया कि सुखराम उरांव के पिता पुनई उरांव के साथ मृतक कैलाश उरांव का जमीन संबंधी विवाद चल रहा था। मृतक कैलाश उरांव ओझागुणी का भी काम करता था। पूर्व में सुखराम उरांव के भाई की मौत बीमारी से हो गई थी। मगर सुखराम उरांव समझता था कि कैलाश उरांव ने ही जादू –टोना कर उसके भाई को मरवा दिया। पूर्व रंजिश के चलते सुखराम उरांव ने कैलाश उरांव को अपने रास्ते से हटाने के लिए अपने साला शत्रुघ्न उरांव से संपर्क किया। उसने इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए 20 हजार रूपये भी शत्रुघ्न उरांव को दिया। इसके बाद शत्रुघ्न उरांव ने अताकोरा गांव के सोमा उरांव व भरनो के मनीष उरांव से संपर्क किया। फिर चारों ने मिलकर कैलाश उरांव की हत्या कर दी। शत्रुघ्न उरांव एक शातिर अपराधी भी है और उसके खिलाफ भरनो,सिसई, भंडरा, बेड़ो, लापुंग थाना में हत्या,रंगदारी,आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज है।