खूँटी। जिले के कर्रा प्रखण्ड के राजकीय +2 विद्यालय कर्रा में बिना शिक्षक के ही विद्यार्थी पढ़ाई कर अपना भविष्य के सपना संजोए हुए हैं। स्कूल है, विद्यार्थी हैं पर विषय के शिक्षक ही नहीं हैं। यह हाल है कर्रा के राजकीय +2 हाईस्कूल का। इस स्कूल में आर्ट्स, साइंस, और कॉमर्स का नामांकन किया जाता है। पर इस विद्यालय में उस विषय के शिक्षक नहीं हैं। और विद्यार्थी नामांकन लेकर पढ़ाई में तपश्या कर रहे हैं। और वैसे विषय जिसके माध्यम से डॉ , इंजिनियर, शोधकर्ता, वैज्ञानिक, शिक्षक , प्रोफेसर आदि बनने के सपने संजोये हुए हैं। लेकिन शिक्षक के बिना विद्यालय में विद्यार्थी ज्ञान कैसे पा सकेंगे। इसी चिंता किसी को नहीं। लेकिन इसी असमंजस में विद्यार्थी पसोपेश में पड़े हुए हैं।

कर्रा राजकीय +2 हाईस्कूल में साईंस के विषय तो है। इसलिए विद्यार्थी भी अपना नामांकन उस संकाय में नामांकन करा लिए हैं। लेकिन न तो जीवविज्ञान के लेक्चरर हैं और न ही भौतिकी और न रसायन विज्ञान के शिक्षक ही हैं। केवल साइंस के नाम पर गणित के अध्यापक मात्र हैं। ऐसे में विद्यार्थी केवल एक क्लास कर बैठे रह जाते हैं। एक तो कोरोना काल में ही पढ़ाई कर पाए विद्यार्थी और न ही विद्यालय खुलने के बाद ही पढ़ाई कर पाए रहे हैं। आखिर करें तो क्या करें। ऐसे यह उक्ति इस दरम्यान कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि विद्यार्थियों के भविष्य में ग्रहण लगा हुआ है।

विद्यार्थी बतलाते हैं कि काफी दिनों से उस विद्यालय में अभाव शिक्षक का रहा है। लेकिन विभागीय अधिकारियों के द्वारा समाधान नहीं किया जा रहा है। विद्यार्थी बतलाते हैं कि उन्हें डर है कि पढ़ाई के मामले में उनका भविष्य कैसा होगा। एक छात्रा बतलायी कि वह दूरस्थ क्षेत्र आठ किलोमीटर दूर से साइकिल चलाकर ये सोचकर आती है कि वह अच्छी तरह पढ़ाई कर घर वापस जाए। लेकिन शिक्षक के अभाव में पढ़ाई नहीं हो पाने से उदास हो जाती है। इस प्रकार विद्यार्थियों को अपने भविष्य की चिंता सताने लगी है।

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