रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि शिक्षा से ज्ञान, ज्ञान से समझदारी और समझदारी से ईमानदारी आती है। शिक्षा से आच्छादित होने के बाद आपको कोई गुमराह नहीं कर सकता। मैं तो संथाल के युवाओं से अपील करता हूं। आओ नौजवानों मिलकर संथालपरगना की तस्वीर और तकदीर बदलें। आप युवाओं को यह समझने की जरूरत है कि जिस तरह आप ने अभाव की जिंदगी को जिया है। उस तरह आपकी आने वाली पीढ़ी अभाव की जिंदगी न जिये। दास बुधवार को पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा में मॉडल डिग्री कॉलेज निर्माण की स्वीकृति देने के बाद संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र जहां अंगीभूत महाविद्यालय नहीं है वहां चरणबद्ध तरीके से डिग्री स्तरीय महाविद्यालय की स्थापना करने की योजना है। उन्होंने लिट्टीपाड़ा के युवाओं को बधाई दी और कहा कि आप से जो वादा किया वह आज पूरा कर रहा हूं। आपको याद होगा चार सितंबर को लिट्टीपाड़ा पहुंचने पर कुछ छात्रों ने मुझ से लिट्टीपाड़ा में एक डिग्री कॉलेज खोलने का अनुरोध किया था। उन्होंने कहा कि वह घोषणा करते है कि तीन दिनों के अंदर डिग्री कॉलेज का अनुमोदन दे दूंगा। इसके बाद कॉलेज के लिए राशि स्वीकृति के बाद निविदा निकाली जाएगी और जल्द ही कॉलेज का निर्माण कार्य आरंभ होगा। मुख्यमंत्री ने रांची पहुंचते ही अगले ही दिन लिट्टीपाड़ा में कॉलेज खोले जाने के लिए प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया, उच्च शिक्षा विभाग ने तैयार किया प्रस्ताव और आज ही आदेश जारी हो गया। 15 करोड़76 लाख 99 हजार 6 सौ रुपये की मंजूरी दी गयी है।
लिट्टीपाड़ा के युवाओं को मिला कॉलेज
लिट्टीपाड़ा पहुंचने पर मुख्यमंत्री के समक्ष कुछ छात्रों ने कहा था कि “मुख्यमंत्री जी यहां कॉलेज नहीं होने से हमें अन्यत्र जाकर पढ़ाई करने में बड़ी परेशानी होती है। आप इस समस्या का निदान करें। तब तो मुख्यमंत्री ने उन्हें भरोसा दिया और मंच से उन्होंने घोषणा कर दी थी कि तीन दिनों के अंदर कॉलेज प्रारम्भ करने की अनुशंसा मैं कर दूंगा। आज उन्होंने अपनी कही बातों को यथार्थ में बदल दिया। 21 दिनों के अंदर मुख्यमंत्री ने लिट्टीपाड़ा के युवाओं से किया वादा पूरा किया। मालूम हो कि मुख्यमंत्री चार सितंबर को लिट्टीपाड़ा में आयोजित पीएम किसान निधि योजना का शुभारंभ करने गए थे। वहां उन्होंने पूरे राज्य के 7 लाख 15 हजार किसानों के खाते में 1 सौ 83 करोड़ की राशि लिट्टीपाड़ा से उनके खाते में हस्तांतरित व 16 सौ किमी ग्रामीण सड़क निर्माण कार्य का शिलान्यास 1 हजार 37 करोड़ की लागत से किया था।