चरही| कोरोना की दूसरी लहर ने भारत में विकराल रूप ले लिया है। हाल ही में विश्व भर में सबसे ज्यादा एक दिन में चार हजार मौते भारत मे ही हुई है। देश के सभी राज्यो और केंद्रशासित प्रदेशों में हाहाकार मचा हुआ है। बड़े-बड़े मेट्रो शहरों के पहिये थम गये है। स्वास्थ्य व्यवस्थाओ ने दम तोड़ दिया है। भारी संख्या में हो रही मौतों से शमशान और कब्रिस्तान में जगह कम पड़ रहे है। परंतु लोग अब भी बैंक, बाजारों, और दुकानों के सामने भीड़ लगाने से बाज नही आ रहे है।
लॉकडाउन के प्रतिबंधों के बावजूद चरही के साप्ताहिक बाजार में लोगो की भीड़ देखने को मिल रही है। बाजार में साग-सब्जियों के अलावे गैर जरूरी चीज़े जैसे कपडे, चूड़ी, लाली और लिपस्टिक जैसे समान बेचे जा रहे है। कपड़ा व्यापारियों तो मारुति वैन में स्टॉल लगाकर कपड़ो को बेच रहे है। बाजार की भीड़ देखकर लगता ही नही की राज्य में लॉकडाउन लगाया गया है।
वही बैंको के सामने भी लंबी लंबी कतारें लगी रहती है जिसमे सामाजिक दूरी बनाये रखने और मास्क लगाने के नियम की धज्जियां उड़ रही है। कतारों में लगे लोग एक दूसरे को धक्का दे रहे ताकि जल्दी से उनकी बारी आ पाए। इस संबंध में उनसे पूछे जाने पर लोगो का कहना है कि बैंक में बहुत देर से काम किया जा रहा है। जो काम दस मिनेट में किया जा सकता है उसे कर्मचारी घंटो लगा देते है। इसीकारण भीड़ इकट्ठा हो जाती है। ये सही की खाने पीने की जरूरी चीज़े लोगो तक पहुंचे परंतु इसके व्यवस्था को सही ढंग से नियंत्रित किया जाना चाहिए। वरना बेहतर हो कि प्रशासन इन बाजारों को पूर्ण प्रतिबंधित करे।