रांची। झारखंड के सभी गांवों में मनरेगा के तहत छह योजनाओं को संचालित किया जायेगा। इस संबंध में गुरूवार को ग्रामीण विकास सचिव आराधना पटनायक ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। आराधना पटनायक की अध्यक्षता में मनरेगा आयुक्त वरुण रंजन, सभी जिलों के डीडीसी और सभी बीडीओ के साथ मनरेगा योजना की प्रगति की समीक्षा वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से की गई। इस दौरान कहा गया कि कोरोना संक्रमण काल में श्रमिको को गांव में ही रोजगार उपलब्ध करवाने को प्राथमिकता देनी है। इसके लिए सभी गांवों में कम से छह योजनाएं संचालित किये जाने पर सहमति बनी है। कोई श्रमिक काम करने के लिए इच्छुक है पर उसके पास जॉबकार्ड नहीं है तो ऐसे श्रमिकों का अविलंब जॉबकार्ड बनाया जायेगा। पटनायक ने कहा कि मनरेगा के जो काम अधूरे पड़े हैं, उनमें श्रमिकों को लगा कर पूरा कराया जाये। बाहर से आने वाले प्रवासी श्रमिकों को हर हाल में गांव में काम मिले, इसे सुनिश्चित करें।

बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत 20 मई से पहले पौधा रोपण से सम्बंधित कार्य को पूरा करना ठीक रहेगा। बरसात के पूर्व ही सभी लंबित कूप निर्माण के काम को भी पूर्ण करवा लिया जाये। मनरेगा आयुक्त के द्वारा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों को निर्देशित किया गया कि प्रवासी श्रमिकों की पूरी जानकारी रखें. बड़ी संख्या में लोग अभी लौट रहे हैं. प्रवासी श्रमिकों को गांव में ही काम मिले, इस पर फोकस हो।

उन्होंने कहा कि मनरेगा योजना से जल संरक्षण,सिंचाई सुविधा,नाला जीर्णोद्धार के काम पर जोर देना है। पौधरोपण से संबंधित योजनाओं को प्राथमिकता देते हुए काम आरंभ करना है। सभी पंचायतों में सखी मंडल की महिलाओं का चयन करने एवं उन्हें प्रशिक्षित कर मेट के रूप में कार्य उपलब्ध करवाने को लेकर भी निर्देश जारी किये गए।

आयुक्त के द्वारा बिरसा हरित ग्राम योजना में वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए निर्धारित लक्ष्य के अनरूप कार्य आरंभ कर 20 मई तक पौधारोपण के लिए कार्य को पूर्ण करने का निर्देश दिया गया। साथ ही उन्होंने नीलांबर-पीतांबर जल समृद्धि के तहत टीसीबी, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, नाला जीर्णोधार शोकपिट, दीदीबाड़ी योजना के मिले लक्ष्य को पूरा करवाने को लेकर भी सभी बीडीओ को निर्देशित किया. रिजेक्टेड ट्रांजैक्शन को एक सप्ताह में सुधाऱने को लेकर भी निर्देश जारी किये।

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