बड़कागांव। प्रखंड के इतिज गांव के विस्थापितों ने मानवाधिकार कार्यकर्ता इलियास अंसारी के नेतृत्व में श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता से मिलकर अपनी समस्याओं से अवगत कराते हुए कहा कि एनटीपीसी पकरी बरवाडीह कोल खनन परियोजना के चालू होने से इतिज गांव विस्थापित हो चुका है। लोगों ने कहा जिस घर को विस्थापित किया जाता है कंपनी के द्वारा उस घर के व्यक्ति जो 18 वर्ष से ऊपर हो उन्हें विस्थापन का लाभ मिलना चाहिए। साथ ही लोगों ने कहा के गैरमजरूआ जमीन पर फसल उगा कर हम लोग जीवन यापन चलाते थे इसलिए गैरमजरूआ जमीन का मुआवजा भी रैयती जमीन के बराबर दिया जाए। कोयला खनन होने से इलाके के नदी नाला तालाब प्रदूषित हो चुका है। प्रदूषण इतना फैल चुका है कि सांस लेने में भी लोगों को तकलीफ हो रही है। प्रदूषण से बचाव के लिए कंपनी द्वारा कोई उपाय नहीं किया जा रहा है। साथ में मांग किया गया कि इतीज गांव के विस्थापितों को एक जगह बसाया जाए तथा उस जगह पर बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा, जैसी मूलभूत सुविधाएं कंपनी के द्वारा मुहैया कराया जाए। जिस पर संज्ञान लेते हुए श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने आश्वासन दिया कि जल्द ही इन सभी मुद्दों पर कम्पनी से वार्ता कर समस्या का समाधान कराया जाएगा। मिलने वालों में मुख्य रूप से मुकेश गंझू, विनोद गंझू, भागीरथ गंझू, बादल गंझू, किरण धारी गंझू, अजय गंझू, धनेश्वर गंझू, लालमन गंझू, कार्तिक गंझू, भोला गंझू, ईश्वर गंझू, अंबेडकर गंझु,शामिल हैं।
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