11जिलों में अभी तक रोपनी शुरू भी नहीं हुई

रांची। झारखंड में मानसून की बेरूखी के चलते अबतक राज्य में सिर्फ 12 फीसदी ही धान की रोपनी हो पाई है। 11 जिलों में तो अभी तक रोपनी शुरू भी नहीं हुई है।  पानी के अभाव में खेतों में धान के बिचड़े सूखने लगे हैं, इससे किसान परेशान हैं।

विपक्ष ने इस स्थिति को भयावह बताते किसानों के लिए राहत की मांग की है।वहीं कृषिमंत्री रणधीर सिंह का कहना है कि सरकार की सुखाड़ पर नजर है, 31 जुलाई तक अच्छी बारिश हो जाती है, तो स्थिति में सुधार संभव है।  हालांकि एहतियात के तौर पर आपदा प्रबंधन की राशि सभी उपायुक्तों को भेज दिया गया है, वैकल्पिक खेती की भी तैयारी है।

अलग झारखंड राज्य गठन के 19वर्षां में झारखंड में दसवें वर्ष सुखाड़ की आशंका है और राज्य लगातार दूसरे साल कम बारिश की चपेट में है। पिछले साल राज्य के 129 प्रखंडों में सूखे की मार पड़ी थी।  उससे पहले 2015 में भयानक सूखा पड़ा था। पहले मानसून आने में देरी, ऊपर से जुलाई माह में सामान्य से कम बारिश, झारखंड सुखाड़ की दहलीज पर खड़ा है। अगर अगले सात दिनों में मानसून मेहरबान नहीं हुआ, तो स्थिति भयानक हो सकती है। रांची मौसम विज्ञान केन्द्र के आंकड़ों के मुताबिक 24 में से सिर्फ दो जिले, लोहरदगा और साहेबगंज में अबतक सामान्य बारिश हुई है। जबकि 16 जिलों में 30 से 50 फीसदी तक सामान्य से कम वर्षा हुई है। वहीं  खूंटी, गढ़वा, बोकारो, चतरा, गोड्डा और पाकुड़ जिलों में 50 से 68 फीसदी तक कम बारिश हुई है। रांची जिले में भी बारिश सामान्य से आधी ही हुई है। पूरे राज्य में अबतक सामान्य से 45 फीसदी कम वर्षा हुई है। खूंटी में सामान्य से 68 फीसदी कम बारिश हुई, गोड्डा में 63 फीसदी कम, पाकुड़ में 64 फीसदी कम, गढवा में 59 प्रतिशत कम, रामगढ में 53 फीसदी कम बारिश और रांची में भी सामान्य से 51 फीसदी कम हुई है।

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