रांची। पूर्व मंत्री रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड समेत कुल 120 से ज्यादा मामलों में आरोपी नक्सली कुंदन पाहन को विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई है। कुंदन पाहन के वकील की ओर से गत शुक्रवार को एनआईए की विशेष कोर्ट में तमाड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए आवेदन दिया गया था, जिसपर सोमवार को सुनवाई हुई। कुंदन तमाड़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेगा। कुंदन के वकील ईश्वर दयाल ने बताया कि कुंदन पाहन ने जनसेवा की नियत से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है। इसके लिए एनआईए के विशेष जज नवनीत कुमार की अदालत में आवेदन दाखिल किया गया था। कुंदन पाहन ने नॉमिनेशन के लिए 15 नवंबर की तिथि तय की है। इससे पूर्व राजा पीटर ने कोर्ट से चुनाव लड़ने की इजाजत मांगी थी। जिसके बाद राजा पीटर 12 नवंबर को नॉमिनेशन फाइल करेंगे। कुंदन पाहन को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार होटवार से पिछले महीने हजारीबाग ओपन जेल में शिफ्ट किया गया है। कुंदन वहां अपनी पत्नी के साथ रह रहा है।

कुंदन ने पुलिस के सामने किया था सरेंडर

प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के झारखंड रीजनल कमेटी के सचिव कुंदन पाहन ने 14 मई 2017 में पुलिस के समक्ष सरेंडर कर दिया था। वह डीएसपीए, इंस्पेक्टर की हत्या समेत 120 से आपराधिक मामलों में वांछित था। खूंटी में 50, रांची में 42 चाईबासा में 27, सरायकेला में 7, गुमला में एक कांड दर्ज है। कुंदन पर 15 लाख रुपए का इनाम था। कुंदन 2000 में भाकपा माओवादी में शामिल हुआ। इसके बाद उसने झारखंड में कई वारदातों को अंजाम दिया। कुंदन पर सांसद सुनील महतो, पूर्व मंत्री और विधायक रमेश सिंह मुंडा, बुंडू डीएसपी प्रमोद कुमार समेत छह पुलिसकर्मी और स्पेशल ब्रांच के इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार की हत्या के आरोप हैं। इसके अलावा एक प्राइवेट बैंक से पांच करोड़ रुपए और एक किलो सोना लूटने का भी आरोप है। कुंदन पाहन ने सरेंडर के वक्त बताया था कि खूंटी जिले में उसके पास 2700 एकड़ पुश्तैनी जमीन है। इसमें से 1350 एकड़ पर चाचा ने जबरन कब्जा कर लिया था। इसी से परेशान होकर उसने अपने दो बड़े भाइयों के साथ हथियार उठा लिया था।

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