Ranchi : अप्रैल, मई और जून में गर्मी सितम ढायेगी। धरती तपती रहेगी। भले, कभी-कभी हल्की-फुल्की बारिश भिंगो सकती है। सुकून देने वाली बात केवल इतनी है कि इस साल भारत में बड़े पैमाने पर हो रही जलवायु संबंधी घटनाएं मानसून के लिये अनुकूल है। जुलाई से सितंबर के बीच अच्छी बारिश हो सकती है। भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मत्युजंय महापात्र ने कहा कि इस साल जून के बाद अल नीनो की स्थिति कम होती दिख रही है, जो कि मानसून के लिए अच्छा संकेत है।
बीते साल भारत में मानसून के मौसम में औसत से कम बारिश हुई, जिसके लिये अल नीनो को जिम्मेदार ठहराया गया था। आखिर अल नीनो क्या है? इसके बारे में विभाग का कहना है कि अल नीनो सदर्न ऑसिलेशन (ENSO) का एक हिस्सा है, जो मौसम और समुद्र से संबंधित एक प्राकृतिक जलवायु घटना को बताता है। ENSO के दो चरण होते हैं, अल नीनो और ला नीना। अल नीनो का अर्थ स्पेनिश भाषा में ‘छोटा लड़का’ है और यह एक गर्म चरण है। वहीं, ला नीना का मतलब ‘छोटी लड़की’ होता है, जो ठंड का चरण है।
प्रशांत महासागर में पेरू के निकट समुद्री तट के गर्म होने की घटना अल-नीनो कहलाती है। आसान भाषा में समझे तो समुद्र का तापमान और वायुमंडलीय परिस्थितियों में जो बदलाव आते हैं, उस समुद्री घटना को अल नीनो का नाम दिया गया है। इस बदलाव के कारण समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 4-5 डिग्री ज्यादा हो जाता है। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल जून के बाद अल नीनो की स्थिति कम होती दिख रही है, जो कि मानसून के लिए अच्छा संकेत है।
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