इचाक। डॉ आरसी प्रसाद मेहता अध्यक्ष स्वास्थ्य विभाग उत्तरी छोटानागपुर झारखंड ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के समय दर्द निवारक दवाइयों में एक बारगी 50% मूल्य बढ़ाने का मंजूरी दी गई है। औषधि मूल्य निर्धारण विनयक एनपीए ने शुक्रवार को कहा कि उसने दर्द निवारक दवाओं के मूल्य में 50% की वृद्धि की मंजूरी दी है इसके तहत रेंटेडिन ओमेप्राजोल रोबीप्राजोल फैमोटीडीन आइबुप्रोफेन इकोस्प्रिन डिस्प्रिन डाइक्लोफेनिक पायरोसिकम इत्यादि हजारों दवाइयां है जो दर्द निवारण में काम आती है इससे सर्जरी विभाग मेडिसिन विभाग हृदय विभाग मिर्गी अल्सर पेन किलर मासिक धर्म से संबंधित मांसपेशियों में हड्डी के दर्द दवाइयां महंगी हो जाएगी।

अभी महामारी और लॉकडाउन के कारण निम्न और मध्यम वर्ग न्यूनतम स्तर पर अपना जीवन यापन कर रहे हैं किसी तरह से जी रहे हैं 50% मूल्य के वृद्धि के बाद देश में हाहाकार मचेगा महंगाई बढ़ेगा । गरीब महंगाई के कारण नहीं इलाज नहीं करा पाएंगे। बिना इलाज के मौत के मुंह में चले जाएंगे। जिसका जिम्मेदार केंद्र सरकार के गरीब विरोधी नीति होगा। किसी ने कहा है जब तक उपेक्षित रोगी गरीब,किसान मजदूर रहेगा धरती पर तूफान रहेगा। देश के मूल्य निर्धारण नीति देश के गरीबों को जीवन जीने लायक नहीं छोड़ेगा।

आज दुनिया में जीवन रक्षक एवं दर्द निवारक औषधिओ का मूल्य घटाया जा रहा है जबकि भारत में एकाएक 50% बढ़ा दिया गया जो गरीब मरीजों के लिए शर्मसार करने वाला अत्याचार कहा जाएगा। इतिहास गवाह है अभी यह जिडीपी माइनस में चल रहा है लोगों का आमदनी सूखी रोटी खाने बराबर नहीं है। पेट्रोल डीजल के कीमत बढ़ने के कारण किराया 3 गुना बढ़ चुका है केंद्र सरकार धृतराष्ट्र के जैसा अंधा बना हुआ है अत्याचार हो रहा है औषधि का कीमत बढ़ने से मेडिकल संबंधी सभी सुविधाओं में वृद्धि होगी।

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