रांची। पारा शिक्षकों की नियमावली पर सिर्फ तारीख की मुहर लग रही है। लेकिन इस बार पारा शिक्षकों के सब्र का बांध टूटता दिख रहा है। बता दें कि पारा शिक्षकों के एक गुट झारखंड राज्य प्रशिक्षित पारा शिक्षक संघ ने झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा पारा शिक्षकों के स्थायीकरण तथा वेतनमान को लेकर शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को सौंपी गई नियमावली के प्रारुप को संघ के सामने लाने की मांग की है।

संघ की राज्य इकाई की रविवार को हुई बैठक में कहा गया कि शिक्षा मंत्री के साथ हुई वार्ता में पारा शिक्षकों के सेवा स्थायीकरण एवं वेतनमान के लिए बिहार माडल लागू करने पर सहमति दी गई थी।

मंत्री ने स्पष्ट घोषणा की थी कि किसी पारा शिक्षक को हटाया नहीं जाएगा। यदि नियमावली में गैर टेट पास या अप्रशिक्षित पारा शिक्षकों को हटाने की बात रहती है तो पारा शिक्षक उसका विरोध करेंगे। पारा शिक्षकों ने प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत मानदेय वृद्धि करने की भी मांग उठाई। बैठक में मोहम्मद सिद्दीक शेख, विकास चौधरी, नेली लूकस, सीमा मुंडारी, नीरज कुमार, संजय पाठक आदि शामिल थे।

 

बीआरपी सीआरपी महासंघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो से मिलकर पारा शिक्षकों की तरह प्रखंड साधन सेवियों (बीआरपी) एवं संकुल साधन सेवियों (सीआरपी) के भी स्थायीकरण तथा वेतनमान देने की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने इसे लेकर मंत्री को ज्ञापन सौंपा। इसपर मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से दूसरे राज्यों में लागू व्यवस्था की जानकारी ली। साथ ही संबंधित दस्तावेज उपलब्ध कराने को भी कहा।

मंत्री ने कहा कि बीआरपी, सीआरपी की मांगों पर भी सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा।

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