खूंटी। आठ बार खूंटी के सांसद रहे लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष और पद्मभूषण सम्मान से अलंकृत कड़िया मुंडा की सादगी और खेती के प्रति उनका लगाव किसी ने छिपा नहीं है। सांसद और मंत्री रहने के बाद भी कड़िया मुंडा हल-बैल लेकर अपने खेतों की जुताई करने पहंच जाते थे। उनकी सादगी का कायल तो भाजपा के नेता-कार्यकर्ता ही नहीं, पूरे क्षेत्र के लोग हैं। कड़िया मुंडा कहते हैं कि उनका पूरा परिवार ही कृषि पर आश्रित है। खेती-खलिहानी का काम उनका पुश्तैनी है। कड़िया मुंडा के इस कथन को उनका पोता नील रीमिल मुंडा बचपन में ही साबित करने में लगा है। वह भी अपने खानदानी पेशा खेती की परंपरा आगे बढ़ाने में अभी से लगा है। महज पांच वर्ष की आयु में वह अपने खेत में जाकर परिवार के सदस्यों के साथ इन दिनों बिचडे़ लगाने में व्यस्त है। लाॅक डाउन के कारण इन दिनों विद्यालय बंद हैं, तो कम से खेती का ही कुछ हुनर क्यों ने सीख लिया जाए।

Show comments
Share.
Exit mobile version