खूंटी। प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के बेहद करीबी रहे कुख्यात उग्रवादी मनीष गोप उर्फ महेश्वर गोप को पुलिस ने सोमवार को गुमला से गिरफ्तार कर लिया। एसपी आशुतोष शेखर ने मंगलवार की शाम आयोजित प्रेस कन्फ्रेंस में बताया कि उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि दिनेश गोप, राजेश गोप उर्फ तिलोश्वर और दस्ते के अन्य सदस्यों से मतभेद और नाराजगी के कारण मनीष गोप दस्ता को छोड़कर भाग गया है। उसके साथ पीएलएफआई के अन्य उग्रवादियों ने मारपीट भी की थी। इसके बाद मनीष गोप उर्फ महेश्वर गोप दस्ता छोड़कर भाग गया है।

सूचना के सत्यापन के बाद खूंटी पुलिस टीम द्वारा गुमला पुलिस के सहयोग से संदिग्ध स्थलों पर छापामारी की गयी और उसे गुमला से गिरफ्तार कर लिया गया। मनीष गोप उर्फ महेश्वर गोप पिता नन्द गोप, बड़का रेगरे तेतरटोली, थाना-जरियागढ़, खूंटी का रहने वाला है। एसपी ने बताया कि अपने स्वीकारोक्ति बयान में गिरफ्तार पीएलएलएफआई दस्ता सदस्य मनीष गोप उर्फ महेश्वर गोप ने कहा कि पुलिस के साथ 17 दिसंबर 2020 को को बांदू में हुई मुठभेड़, जिसमें पीएलएफआई सदस्य सोनु सिंह नालंदा, बिहार मारा गया था, उसमें शामिल वह शामिल था। इसके अलावा 18 मई 2021 को डिगरी पेराय टोली में हुई मुठभेड़, 26 जून 21 को जतरमा में हुई मुठभेड़, 16 जुलाई 21 को बड़ाकेसल में हुई मुठभेड़, जिसमें पीएलएफआई कमांडर शनिचर सुरीन मारा गया था और 27 सितंबर 21 को बुढ़-तुमरूंग जंगल में हुई मुठभेड़ में भी मनीष शामिल था। इन सभी मुठभेड़ों में उसके द्वारा भी पुलिस पर फायरिंग की गई थी। उग्रवादी घटनाओं को वह गूमला जेल में बंद था। एसपी ने बताया कि मनीष गोप काफी सक्रिय था और उसका पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। उसके खिलाफ खूंटी के रनिया, पश्चिमी सिंहभूम के गुदड़ी और गुमला जिले के कमडारा थाने में उग्रवादी घटनाओं को लेकर आठ मामले दर्ज हैं।

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