पाकुड़। भ्रष्ट प्रशासनिक तंत्र व राजनीतिक संरक्षण पाकर कभी पारा टीचर की नौकरी करने वाला दिलीप कुमार साहा विस्फोटक माफिया बन गया। साहिबगंज जिले के बरहड़वा का दिलीप अवैध विस्फोटकों की आपूर्ति साहिबगंज व पाकुड़ जिले में करता था। साथ ही वह इस इलाके में बड़े पैमाने पर अवैध पत्थर उत्खनन भी करता था। इस अवैध धंधे के जरिए उसने करोड़ों की कमाई की। आज वह बरहड़वा टाइल्स और मोटर साइकिल शो रूम का भी संचालक है।

उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जिले के हिरणपुर थाने में अवैध विस्फोटक के अलावा अवैध तरीके से पत्थर उत्खनन करने व सरकारी राजस्व को क्षति पहुँचाने के आरोप के तहत थाना कांड संख्या- 61/21 तथा 62/21में उसे नामजद आरोपी बनाया गया है। पुलिस उसे ढूंढ रही है और वह छिपता फिर रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक दिलीप कुमार साहा साहेबगंज जिले के बरहरवा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय के ढाठापाड़ा में बतौर पारा शिक्षक नौकरी करता था। उसी दौरान वह पश्चिम बंगाल के वीरभूम के अवैध विस्फोटक कारोबारियों के सम्पर्क में आया। पैसे कमाने की भूख के चलते उसने पारा शिक्षक की नौकरी छोड़ दी। फिर साहिबगंज एवं पाकुड़ जिले में अवैध विस्फोटक आपूर्ति का कारोबार शुरू किया। उसके इस सिंडिकेट में और भी कई लोगों के शामिल होने की चर्चा जोरों पर है। उसकी भी जांच की जा रही है।

चर्चा यह भी है कि साहिबगंज एवं पाकुड़ जिले के कुछ पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों का उन्हें खुला संरक्षण प्राप्त था। संभवतः यही वजह है कि महज कुछ ही वर्षों के अंदर कभी मामूली सा पारा टीचर दिलीप करोड़पति बन बैठा। फिलवक्त अवैध विस्फोटक एवं अवैध पत्थर उत्खनन कर करोड़ों की कमाई करने वाला दिलीप पुलिस की नजरों से छुपता फिर रहा है।

उल्लेखनीय है कि इसके पहले भी हिरणपुर थाना में अवैध विस्फोटक के सिलसिले में पुलिस ने मामला दर्ज किया था। सवाल उठता है कि आज नहीं तो कल उसकी गिरफ्तारी निश्चित तौर पर होगी लेकिन उसके संरक्षकों के खिलाफ भी कभी कोई कार्रवाई होगी।

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