रांची। ताजिकिस्तान में फंसे झारखंड के 44 मजदूरों की सोमवार को वतन वापसी होगी। मजदूर सुबह 10:50 बजे उड़ान भरेंगे और 12:50 बजे दिल्ली पहुंचेंगे। वापसी को लेकर परिजनों खुश हैं। ये मजदूर गिरिडीह, हजारीबाग व बोकारो जिले के हैं।

गिरिडीह के मजदूरों में बगोदर प्रखंड के अडवारा के संतोष महतो, सरिया प्रखंड अंतर्गत लुतयानो के तेजो महतो, चिचाकी के दशरथ महतो, नुनूचंद महतो, गणेश महतो, डुमरी प्रखंड अंतर्गत दुधपनियां के नंदू कुमार महतो, खेचगढी के प्रदीप महतो, चेगडो सोहन महतो, गिरि महतो, डुमरी के बीरेन्द्र कुमार, घुजूडीह के नकुल महतो हैं।

हजारीबाग जिले के मजदूरों में बिष्णुगढ़ अंतर्गत खरना तिलेश्वर महतो, प्रदीप गंजु, रामेश्वर महतो, महाबीर महतो, रीतलाल महतो, गोवेर्धन महतो, मितलाल महतो, भलुआ के जगदीश महतो, बासुदेव महतो, प्रेमचंद महतो, बरहमदेव महतो, गोविंदपुर बालेश्वर महतो, आशोक सिंह, जोबर के आयोध्या महतो, उमेश महतो, टेकलाल महतो, तालो महतो, बीरू सिंह, संतोष महतो, बंदखारो के मंगर महतो, नारायण महतो, कृष्णा कुमार मंडल, दिलीप महतो, विनय महतो, मनोज कुमार महतो, त्रिभुवन महतो, लालदेव महतो, बसंत मंडल तुलसी महतो, नेरकी के रोहित सिंह हैं। बोकारो जिले के मजदूरों में गोमियां प्रखंड अंतर्गत सिधाबारा के मुकेश महतो, महुआटांड के टीको महतो, बोकारो थर्मल के कमलेश अगरिया हैं।

उल्लेखनीय है कि पैसे कमाने के लिए दलालों के चक्कर में ये मजदूरों ताजिकिस्तान पहुंच गए। वहां समय पर तनख्वाह नहीं मिलने से उन्हें खाने-पीने में परेशानी होने लगी। इसकी जानकारी मजदूरों ने एजेंट को मोबाइल पर देने की कोशिश की। हालांकि, एजेंट ने मजदूरों का कॉल कभी रिसीव नहीं किया। हार कर मजदूरों ने प्रवासी मजदूरों के हित में कार्य करने वाले सिकंदर अली के माध्यम से घर वापसी की गुहार लगाई।

सिकन्दर अली तत्परता दिखाते हुए अपने प्रवासी व्हाट्सएप ग्रुप और फेसबुक के माध्यम से सभी को इस बारे में जानकारी दी। इसके बाद जनप्रतिनिधि एवं मंत्री ने उनकी घर वापसी के लिए हरसंभव उपाय कर बकाया वेतन का प्रयास किया गया। इस प्रयास से मजदूरों की बकाया राशि का भुगतान हो गया।

प्रवासी मजदूरों की आवाज उठाने वाले सिकंदर अली का कहना है कि यह पहली घटना नहीं है। जब काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं, तब उन्हें वहां कई तरह की यातनाएं झेलनी पड़ती है। बड़ी मुश्किल से वे वतन लौट पाते हैं। ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

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