रांची। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 170 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में अपनी जांच तेज कर दी है। मामले में जरेडा के पूर्व निर्देशक निरंजन कुमार से एसीबी ने सोमवार को पूछताछ की। एसीबी के डीजी नीरज सिन्हा ने बताया कि निरंजन कुमार से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 29 मई को जरेडा कार्यालय में छापेमारी की गई थी इसके अलावा निरंजन कुमार के कई अन्य ठिकानों पर भी एसीबी की टीम ने छापेमारी की थी और कई अहम कागजात को ज़ब्त किया था। मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद 28 मई को एसीबी ने प्रारंभिक जांच दर्ज की थी। इंडियन पोस्ट एंड टीसी एकाउंट्स एंड फाइनेंस सर्विस के अधिकारी निरंजन कुमार के खिलाफ एसीबी डीजी ने आदेश दिया है कि 2 हफ्ते में प्रारंभिक जांच पूरी कर इस संबंध में आगे के तथ्यों की जानकारी जुटाकर एफ आई आर दर्ज की जाए। निरंजन कुमार पर अवैध रूप से वेतन निकासी सहित अन्य आरोप भी लगे हैं। उनके खिलाफ सरकार के विभिन्न खातों से लगभग 170 करोड़ का भुगतान करने और सब परिवार विदेश भ्रमण की शिकायत भी सरकार को मिली थी। संपत्ति विवरण में पत्नी के नाम से अर्जित संपत्ति का कोई विवरण नहीं देने और निर्मिता में मनमाने तरीके से किसी कंपनी विशेष को लाभ पहुंचाने का भी एसीबी से जांच कराने का आदेश सरकार ने दिया है। निरंजन कुमार के खिलाफ पूर्व में एसीबी ने जांच की अनुमति सरकार से मांगी थी लेकिन पूर्व की सरकार ने जांच की अनुमति नहीं दी थी। लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने एसीबी को मामले में जांच का आदेश दे दिया है।एसीबी ने जरेडा के पूर्व निर्देशक निरंजन कुमार से की पूछताछ
रांची,01 जून (हि. स.)। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 170 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में अपनी जांच तेज कर दी है। मामले में जरेडा के पूर्व निर्देशक निरंजन कुमार से एसीबी ने सोमवार को पूछताछ की। एसीबी के डीजी नीरज सिन्हा ने बताया कि निरंजन कुमार से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 29 मई को जरेडा कार्यालय में छापेमारी की गई थी इसके अलावा निरंजन कुमार के कई अन्य ठिकानों पर भी एसीबी की टीम ने छापेमारी की थी और कई अहम कागजात को ज़ब्त किया था। मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद 28 मई को एसीबी ने प्रारंभिक जांच दर्ज की थी। इंडियन पोस्ट एंड टीसी एकाउंट्स एंड फाइनेंस सर्विस के अधिकारी निरंजन कुमार के खिलाफ एसीबी डीजी ने आदेश दिया है कि 2 हफ्ते में प्रारंभिक जांच पूरी कर इस संबंध में आगे के तथ्यों की जानकारी जुटाकर एफ आई आर दर्ज की जाए। निरंजन कुमार पर अवैध रूप से वेतन निकासी सहित अन्य आरोप भी लगे हैं। उनके खिलाफ सरकार के विभिन्न खातों से लगभग 170 करोड़ का भुगतान करने और सब परिवार विदेश भ्रमण की शिकायत भी सरकार को मिली थी। संपत्ति विवरण में पत्नी के नाम से अर्जित संपत्ति का कोई विवरण नहीं देने और निर्मिता में मनमाने तरीके से किसी कंपनी विशेष को लाभ पहुंचाने का भी एसीबी से जांच कराने का आदेश सरकार ने दिया है। निरंजन कुमार के खिलाफ पूर्व में एसीबी ने जांच की अनुमति सरकार से मांगी थी लेकिन पूर्व की सरकार ने जांच की अनुमति नहीं दी थी। लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने एसीबी को मामले में जांच का आदेश दे दिया है।एसीबी ने जरेडा के पूर्व निर्देशक निरंजन कुमार से की पूछताछ
रांची,01 जून (हि. स.)। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 170 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में अपनी जांच तेज कर दी है। मामले में जरेडा के पूर्व निर्देशक निरंजन कुमार से एसीबी ने सोमवार को पूछताछ की। एसीबी के डीजी नीरज सिन्हा ने बताया कि निरंजन कुमार से पूछताछ में कई अहम जानकारियां मिली हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले 29 मई को जरेडा कार्यालय में छापेमारी की गई थी इसके अलावा निरंजन कुमार के कई अन्य ठिकानों पर भी एसीबी की टीम ने छापेमारी की थी और कई अहम कागजात को ज़ब्त किया था। मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद 28 मई को एसीबी ने प्रारंभिक जांच दर्ज की थी। इंडियन पोस्ट एंड टीसी एकाउंट्स एंड फाइनेंस सर्विस के अधिकारी निरंजन कुमार के खिलाफ एसीबी डीजी ने आदेश दिया है कि 2 हफ्ते में प्रारंभिक जांच पूरी कर इस संबंध में आगे के तथ्यों की जानकारी जुटाकर एफ आई आर दर्ज की जाए। निरंजन कुमार पर अवैध रूप से वेतन निकासी सहित अन्य आरोप भी लगे हैं। उनके खिलाफ सरकार के विभिन्न खातों से लगभग 170 करोड़ का भुगतान करने और सब परिवार विदेश भ्रमण की शिकायत भी सरकार को मिली थी। संपत्ति विवरण में पत्नी के नाम से अर्जित संपत्ति का कोई विवरण नहीं देने और निर्मिता में मनमाने तरीके से किसी कंपनी विशेष को लाभ पहुंचाने का भी एसीबी से जांच कराने का आदेश सरकार ने दिया है। निरंजन कुमार के खिलाफ पूर्व में एसीबी ने जांच की अनुमति सरकार से मांगी थी लेकिन पूर्व की सरकार ने जांच की अनुमति नहीं दी थी। लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार ने एसीबी को मामले में जांच का आदेश दे दिया है।
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