रांची। रांची के रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में सोमवार को एक चार साल के बच्चे की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार मौत के बाद परिजन अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे। मृत बच्चे का नाम सक्षम पांडेय हैं और वह हजारीबाग जिले के पंचमाधव गांव का रहने वाला था। 16 मार्च को सक्षम पांडे को फीवर आया और उनकी इलाज स्थानीय डॉक्टर मनोज जैन से कराया गया।
डॉ मनोज जैन ने बताया कि थोड़े दिन में बच्चे की तबियत ठीक हो जाएगी। लेकिन सक्षम पांडेय का बार-बार आंख से आंसू आना परिवार वालों को डरा दिया और बेहतर इलाज के लिये रानी रानी चिल्ड्रेन अस्पताल में 18 मार्च को भर्ती कराया। बताया गया कि परिजन 18 मार्च को रांची के रानी चिल्ड्रेन अस्पताल पहुंचे और बच्चे की बेहतर इलाज के लिए भर्ती कराया। शुरुआती जांच रिपोर्ट में बताया गया कि बच्चा लकवा पीड़ित है और उसके दाया हाथ में लकवा का लक्षण है।
इस वजह से बच्चे का हाथ सही तरीके से काम नहीं कर रहा है। इस इलाज के लिए आईबीआईजी नामक छह इंजेक्शन डॉक्टरों ने लिखा । परिजनों ने बताया कि छह इंजेक्शन की कीमत लगभग एक लाख रूपये है। इंजेक्शन देने का समय अंतराल 48 से 60 घंटे थी लेकिन सभी इंजेक्शन छह घंटे के अंदर दे दिया गया।इस वजह से बच्चे की मौत हो गई है। परिजनों ने बताया कि इंजेक्शन बार-बार देने पर मना किया तो इंजेक्शन दे रहे डॉक्टरों ने कहा कि क्या आपको हम पर भरोसा नहीं है। मना करने के बावजूद इंजेक्शन लगातार देते रहे इससे बच्चे की अचानक मौत हो गई।
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हंगामा कर रहे परिजनों ने बताया कि एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए और इस मामले की सही तरीके से जांच किया जाए। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि 10 दिन में पांच लाख खर्च डॉक्टरों द्वारा कराया गया है लेकिन बच्चे को जानबूझकर मार दिया। हंगामा कर रहे परिजनों को पुलिस ने शांत कराया और निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया। पुलिस ने कहा कि आपके हर एक बात को अस्पताल प्रबंधन के द्वारा सुना जाएगा। अस्पताल प्रबंधन दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने इस पर कोई बयान नहीं दिया।