रांची। झारखंड सरकार ने सरकारी कर्मियों के प्रमोशन पर 24 दिसंबर, 2020 से लगी रोक को हटा दिया है। अब 57 हजार से अधिक पदों पर प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया। सरकार के इस फैसले से 57 हजार से अधिक अनुसूचित जाति, जनजाति के सरकारी कर्मियों को प्रोन्नति का सीधा लाभ मिल पाएगा।

राज्य सरकार के निर्देश पर कार्मिक विभाग ने कुछ शर्तो के साथ प्रमोशन पर लगी रोक को हटा दिया है। इस मामले को झारखंड विधानसभा में उठाए गये प्रश्न के आलोक में विधानसभा द्वारा एक विशेष समिति का गठन किया गया। इस क्रम में राज्य सरकार द्वारा विभागीय पत्र 24 दिसम्बर, 2020 के माध्यम से तत्काल प्रभाव से प्रोन्नति की प्रक्रिया स्थगित की गयी।
उस वक्त यह बात सामने आयी थी कि राज्य कर्मियों की प्रोन्नति में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के वरीय सरकारी सेवकों को प्रोन्नति से वंचित कर सामान्य वर्ग के कनीय कर्मियों को भी प्रोन्नति दी गयी। इसी के बाद विभाग ने जांच करायी थी। करीब डेढ़ साल से राज्य में प्रोन्नति बाधित थी।

राज्य सरकार ने इस बीच अपर मुख्य सचिव एटीआई एल खियांगते की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की। इस कमेटी को सरकारी कार्यालयों में एससी-एसटी के प्रतिनिधित्व का आंकड़ा जुटाने को कहा गया। विगत आठ अक्टूबर को ही कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को दी है। इसके बाद विभाग ने रिपोर्ट के आधार पर एक विधेयक लाया और इसमें परिणामी वरीयता के आधार पर एससी-एसटी को प्रोन्नति देने की बात कही।
वरीयता सह पात्रता के प्रावधान के अंतर्गत प्रोन्नति प्रदान करने या विचार करते समय मूल कोटि की वरीयता सूची में वरीयता क्रम में सामान्य वर्ग से ऊपर रहने वाले अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के सरकारी सेवकों को अनारक्षित रोस्टर बिंदु पर प्रोन्नति अनुमान्य होगी।

इस क्रम में एससी,एसटी के वरीय सरकारी सेवक को अनारक्षित बिंदु पर पदोन्नत करते समय यह देखा जाना आवश्यक नहीं है कि उसकी नियुक्ति मेधा के आधार पर हुई अथवा आरक्षण के आधार पर वरीयता सह पात्रता के प्रावधान अंतर्गत दी जाने वाली प्रमोशन का उदाहरण भी दिया गया है। कार्मिक अपने आदेश में इसी के तहत भविष्य में प्रमोशन देने की कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा है।
ऐसे मिलेगा कर्मियों को प्रमोशन

झारखंड प्रशासनिक सेवा के मूल कोटि से अनुमंडल पदाधिकारी एवं समकक्ष कोटि में यदि प्रोन्नति के विचारण सूची में 50 पदों पर प्रोन्नति दी जाती है तो क्रमांक एक से 50 तक के पदाधिकारियों को कार्मिक प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के 17 फरवरी, 2000 के द्वारा निर्धारित रोस्टर बिंदु के अनुसार निम्नवत रूप से प्रमोशन अनुमान्य होगा।
अनारक्षित-1,3,4,5,6,7,9,11,12,13,15,17,19,20,21,23,25,27,29,31,32,33,35,37,39,40,41,43,45,47,49

अ.जाति- 6,16,24,36,46
अनुसूचित जनजाति- 2,8,10,14,18,22,26,30,34,34,38,42,44,50

जानकारी के अनुसार कुल 32 सामान्य श्रेणी के पदधारकों को प्रोन्नति प्रदान की जानी है। इस क्रम में यह प्रावधान है कि वरीयता सूची में एक से 32 कोटि क्रमांक तक के सभी पदधारकों को अनारक्षित बिंदुओं के रिक्ति के अनुसार संभाजित किया जाएगा। कोटि बिंदु के विरुद्ध ही प्रोन्नति प्रदान की जाएगी। इस क्रम में यह देखने की आवश्यकता नहीं होगा कि संबंधित कर्मी मेघा पर चयनित है अथवा आरक्षण के आधार पर।
इसके बाद कोटि क्रमांक 32 से नीचे के अनुसूचित जनजाति,अनुसूचित जाति के सरकारी सेवकों को उनके लिए निर्धारित आरक्षित कोटा के विरुद्ध प्रमोशन दिया जायेगा यानी कोटि क्रमांक 32 से नीचे प्रथम पांच अनुसूचित जाति के पदधारकों को अनुसूचित जाति के लिए चिह्नित रोस्टर बिंदु के विरुद्ध तथा कोटि क्रमांक 32 से नीचे प्रथम 13 अनुसूचित जनजाति के पदधारकों को अनुसूचित जनजाति के लिए चिह्नित रोस्टर बिंदुओं के विरुद्ध पदोन्नति दी जायेगी।

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