रांची। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सोशल मीडिया के द्वारा देश की धरोहर का 16 वां श्रृंखला बुधवार को जारी किया गया है। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ. एम. तौसीफ ने बताया कि यह 16 वां एपिसोड गुजरात के खेड़ा प्रमंडल के 1917-18 में किसान आंदोलन पर आधारित है। उन्होंने कहा की खेड़ा के किसानों पर ब्रिटिश सरकार ने ज्यादा टैक्स वसूली एवं खेत में उपजाए गए अनाज और खेत को जब्त कर लिया था। महात्मा गांधी के मार्गदर्शन एवं सरदार बल्लभ भाई पटेल के नेतृत्व में खेड़ा का किसान आंदोलन किया गया।

झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह सरकार के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि अफ्रीका से शुरू हुई महात्मा गांधी के सत्याग्रह की आंदोलन चंपारण होते हुए गुजरात के खेड़ा पहुंच चुकी थी और इस मशाल को सरदार बल्लभ भाई पटेल ने थामा था। 1917-18  मुंबई प्रेसिडेंसी ने करो (टैक्स) में 23 परसेंट तक बढ़ोतरी कर दी थी। उस समय गुजरात का खेड़ा डिवीजन सूखे, हैजा, और  प्लेग के चपेट में था, जिसने किसानों की आजीविका को पूरी तरह खत्म कर दिया था। लिहाजा किसानों की मांग थी कि वसूली से राहत मिले। डॉक्टर रामेश्वर उरांव कहा कि यह मांग को लेकर 18 मार्च 1918 को महात्मा गांधी और पटेल साहब वहां के कलेक्टर से मिले लेकिन तानाशाह हुकूमत कहां सुनने वाली थी, इधर 22 मार्च को गांधी जी ने सत्याग्रह का आह्वान कर किसानों से कहा कि अगर एक चौथाई से कम फसल होती है तो कर का भुगतान ना करें और उधर, सरदार पटेल घूम-घूम कर किसानों से प्रतिज्ञा पत्र पर हस्ताक्षर करवाया। उन्होंने आगे कहा कि उस दौरान सरकार किसानों के मवेशी तथा अन्य वस्तुएं जब्त कराने लगी। अंग्रेज सरकार खेड़ा के किसानों की हिम्मत तोड़ना चाह रही थी, मगर खेड़ा के किसान अपने सरदार के प्रतिज्ञा से कहां पीछे हटने वाले थे। गांधी जी ने किसानों से जब्त किए गए फसल काटकर लाने का आह्वान किया।

डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि किसानों को गिरफ्तार किया गया मुकदमा किए गए मगर खेड़ा का किसान झुकने को तैयार नहीं थे। महात्मा गांधी के मार्गदर्शन एवं सरदार साहब के नेतृत्व में खेड़ा सत्याग्रह ने अंग्रेजी हुकूमत की नींद उड़ा दी। अंतः 27 जून को अंग्रेज हुकूमत ने घुटने टेक दिए और 2 सालों के लिए न केवल वसूली स्थगित की गई बल्कि किसानों की जब्त जमीन भी लौटा दी गई। किसानों के ब्रिटिश हुकूमत के उस वार में भी कांग्रेस अन्नदाता के साथ खड़ी थी आज भी खड़ी है।

कांग्रेस विधायक दल के नेता सह ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि केंद्र की तानाशाही सरकार किसानों के ऊपर काला कानून थोप कर किसानों की कमर को तोड़ना चाह रही है। किसान हमारे देश की आत्मा हैं। मेहनत कर पसीना बहा कर अनाज पैदा कर रहे हैं। किसान के अनाज को भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार ने अपने पूंजीपति साथियों के लिए इनके ऊपर काला कानून थोप दिया है। किसानों को अपने उपजाए हुए अनाज को बेचने की आजादी खत्म कर दी है। ऐसा कानून लाया है कि भारतीय जनता पार्टी के पूंजीपति साथी ही किसान के अनाज को खरीद सकते हैं। जितनी भी मंडियां थी उसको इस कानून के द्वारा समाप्त कर दिया गया है।

केंद्र सरकार द्वारा किसान विरोधी कानून को देश के किसान मानने को तैयार नहीं है। इसी वजह से पूरे देश में किसानों का आंदोलन जारी है। किसान आंदोलन को देश की आम आवाम का भारी मात्रा में समर्थन मिल रहा है। किसान की एकता हर तानाशाही सरकार पर भारी पड़ी है। केंद्र की भाजपा सरकार को भी किसानों के आगे घुटने टेकने पड़ेंगे। देश के अन्नदाताओं को बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है। कांग्रेस देश के किसानों के साथ मजबूती से खड़ी, किसानों के मान सम्मान को झुकने नहीं देगी।

डॉक्टर तौसीफ ने बताया कि 16 एपिसोड के वीडियो को प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, डाॅ इरफान अंसारी, कार्यकारी अध्यक्ष सह मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर, मानस सिन्हा, संजय लाल पासवान, जोनल को-आर्डिनेटर-अशोक चैधरी सुल्तान अहमद, भीम कुमार, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, आलोक दुबे, किशोर नाथ शाहदेव, शमशेर आलम, डॉ राजेश गुप्ता, डॉ. एम तौसीफ, अजय नाथ शहदेव, आभा सिन्हा, शहजादा अनवर, डॉ राकेश किरण महतो, कुमार राजा,  सोशल मीडिया स्टेट कोर्डिनेटर गजेंद्र सिंह, मीडिया पैनलिस्ट ज्योति सिंह माथारू, ईश्वर आनंद, अमूल नीरज खलखो मुख्य रूप से शामिल है।

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