रांची: झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र में मंगलवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन की बैठक दोबारा शुरू होने पर हाईकोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा-जैसी करनी वैसी भरनी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में एक राज्य को दो हिस्सों में बांटने की कोशिश की गयी थी, सरकार अदालत के आदेश की समीक्षा करेगी और समीक्षोपरांत कोई निर्णय लेगी।

फिलहाल नियोजन नीति मामले में हाईकोर्ट का निर्णय लागू है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनायी गयी नियमावली को लेकर आदेश दिया गया है, इससे हजारों लोगों की नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित हो गयी है।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने वह काम भी किया गया, संविधान जिसकी अनुमति नहीं देता था। हेमंत सोरेन ने कहा कि पिछली जेपीएससी में सी-सैट परीक्षा के एक मसले को लेकर उनसे भी गलती हुई थी, उन्होंने उस भूल को स्वीकार किया था और सुधार का आग्रह किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकार में नियोजन नीति के नाम पर गैर आरक्षित जिलों में नियुक्ति के लिए उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार के युवाओं के लिए रास्ता खोल दिया गया, इससे राज्य में रहने वाले सामान्य वर्गको काफी नुकसान उठाना पड़ा, इस बात की तकलीफ उन्हें भी है, अब सरकार मामले का आकलन करेगी और समीक्षोपरांत फैसला लेगी।

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