रांची। जपला सीमेंट फैक्ट्री भूमि बचाओ समिति का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को वित्त मंत्री डॉक्टर रामेश्वर उरांव एवं ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम से प्रोजेक्ट भवन स्थित ग्रामीण विकास मंत्री के कार्यालय में मिला। प्रतिनिधिमंडल ने जपला सीमेंट फैक्ट्री की भूमि को एक्वायर करने के लिए सरकार को पहल करने का अनुरोध किया। बताया कि जिस भूमि पर सीमेंट कारखाना था, उस भूमि को 99 साल का लीज बैरिस्टर हसन इमाम और उनके परिवार के लोगों ने सुनवैली पोर्टलैंड सीमेंट लिमिटेड के नाम किया थाl प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने बताया कि सीमेंट कारखाना स्क्रैप के दाम बिक चुका है, उस भूमि पर भू- माफियाओं की नजर हैl जपला सीमेंट फैक्ट्री भूमि बचाओ समिति के संरक्षक सह झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ एम तौसीफ ने कहा कि भूमि बचाओ समिति पहले भी कारखाने की भूमि को एक्वायर कराने के लिए सरकार से गुहार लगा चुकी है। उसी का नतीजा है कि आज सरकार के मंत्रियों के साथ प्रतिनिधिमंडल ने मिलकर बिंदुवार अपनी बातों को रखा हैl उन्होंने कहा है कि कारखाने की लगभग डेढ़ सौ एकड़ जमीन को सरकार अगर एक्वायर करा लेती है, तो सरकार के माध्यम से उद्योगपतियों के सहूलियत के हिसाब से उक्त भूमि पर नया उद्योग लग सकता है और आसपास के लोगों को बड़ी तादाद में रोजगार मिल सकता है।
डॉक्टर तौसीफ ने बताया कि इस प्रतिनिधिमंडल में बैरिस्टर हसन इमाम के परपोते गुस्तम इमाम ने भी अपनी बातों को मंत्रियों के सामने विस्तार से रखा और 5 लीज के पेपर को पढ़कर यह क्लियर किया कि इस लीज में कहीं पर भी ऐसा नहीं लिखा हुआ है कि कारखाने को चलाने के लिए लीज के पेपर को रखकर बैंक से लोन लिया जा सके। गुस्तम इमाम ने आरोप लगाया कि फैक्ट्री के तत्कालीन मालिक और बैंक के अधिकारियों ने षड्यंत्र रच कर इस भूमि को भू -माफिया के साथ मिलकर लूटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हमारे पूर्वजों ने हुसैनाबाद जपला के लोगों के विकास के लिए लिए निस्वार्थ भाव से लीज किया था। अगर सरकार चाहे तो ठीक उसी तरह निस्वार्थ भाव से लीज करने करने को तैयार हैl
प्रतिनिधिमंडल की बात सुनने के बाद दोनों मंत्रियों ने यह आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री से इस संदर्भ में बात कर लीगल तरीका अपनाया जाएगा। जिससे जमीन को एक्वायर किया जा सके और उस भूमि पर नया उद्योग लगाने का रास्ता बन सके। प्रतिनिधि मंडल में भूमि बचाओ समिति के संयोजक नवल किशोर पाठक, अर्जुन सिंह, गुप्तेश्वर पांडे, जगदीश राम, मेहताब सिद्दीकी मुख्य रूप से शामिल थेl
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