रांची : झारखंड में कोरोना संक्रमण के बढ़ते आंकड़ों से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चिंतित हैं. ऐसे में उन्होंने संकेत दिये हैं कि राज्य में एक बार फिर से लॉकडाउन-1 की तरह सख्ती की जा सकती है. यानी आवश्यक सेवाओं को छोड़ कर अन्य सभी तरह की छूट वापस ली जा सकती हैं. इस मुद्दे पर 22 जुलाई को होनेवाली कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों के साथ चर्चा की जायेगी. श्री सोरेन ने सोमवार को भी मुख्य सचिव समेत अन्य वरीय अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बैठक की. साथ ही सभी जिलों में कोरोना की स्थिति की जानकारी ली.

प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के आंकड़े बढ़ने की आशंका पहले से ही थी. जब यातायात खोला गया, तो यहां आवागमन बढ़ गया. इस कारण संक्रमण के आंकड़ों में वृद्धि हुई. हालांकि, जांच का दायरा बढ़ा है, इस वजह से भी पहले की तुलना में ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार संक्रमण के बढ़ते मामलों पर लगातार नजर बनाये हुए है. पहले यातायात को रोका गया है. कैबिनेट की बैठक में हम निर्णय लेंगे कि आगे क्या कदम उठाना है.

बॉर्डर सील किया जायेगा
सूत्रों का कहना है कि राज्य के बॉर्डर को सील कर दिया जायेगा. केवल आवश्यक सेवा के समान लानेवालों को ही इंट्री दी जा सकती है. वहीं, पास बनवाकर राज्य में आनेवालों का कोरेंटिन और उनकी कोरोना जांच भी सुनिश्चित की जायेगी. शहर में भी अनावश्यक ट्रैफिक पर लॉकडाउन-1 जैसी ही रोक लग सकती है. केवल आवश्यक परिवहन सेवा को ही आने-जाने की अनुमति होगी.

15 दिनों तक की जा सकती है सख्ती
सूत्रों के अनुसार, इस बार सरकार कम से कम 15 दिन तक सख्ती कर सकती है. इस पर टास्क फोर्स से राय ली गयी है. सख्ती के दौरान आवश्यक सेवाओं को छोड़ सभी तरह की छूट वापस ली जा सकती है. हाट-बाजारों के लिए समय निर्धारित किया जा सकता है. मास्क न पहनने पर दंड लगाने का प्रावधान भी किया जायेगा.

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